Chandigarh : सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई गड़बड़ी के मामले में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को दोषी मानते हुए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार को पूर्व के नतीजे खारिज कर दिये, जिसमें भाजपा उम्मीदवार को विजयी घोषित किया गया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Delhi: On SC verdict on Chandigarh Mayor Elections, Advocate Gurminder Singh says, “SC has said, that these marks have evidently been put by the Presiding Officer, based on which the votes had been declared invalid. As per law, the Presiding Officer violated important… https://t.co/bwgQ62LDFP pic.twitter.com/BGQ0v4uH5G
— ANI (@ANI) February 20, 2024
अमान्य घोषित किये गये सभी 8 वोट मान्य करार
आज सुनवाई के क्रम में चीफ जस्टिस ने रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा अमान्य घोषित किये गये सभी 8 वोटों को मान्य करार दिया. जान लें कि इन वोटों के बैलेट पेपर पर रिटर्निंग ऑफिसर ने क्रॉस के निशान लगाये थे. चीफ जस्टिस ने कहा, सभी 8 वोट याचिकाकर्ता उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में थे. रिटर्निंग अफसर ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया .मसीह को अदालत की अवमानना की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा. उन्हें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया है.
कोर्ट ने अनिल मसीह को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी
इससे पूर्व सोमवार को सवाल पूछने से पहले कोर्ट ने अनिल मसीह को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी. कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर ने 8 बैलेट पेपर पर अपना मार्क लगाया.रिटर्निंग ऑफिसर ने अपराध किया है. इसके लिए उसके खिलाफ समुचित कार्रवाई की जानी चाहिए. बता दं कि सीजेआई की बेंच के सामने सोमवार को रिटर्निंग ऑफिसर ने माना था कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था.
ऑरिजनल वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज कोर्ट रूम में जमा कर दिये गये
चुनाव से संबंधित सारे ऑरिजनल वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज सहित रिटर्निंग ऑफिसर का वीडियो और बैलेट पेपर कोर्ट रूम में जमा कर दिये गये. आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार ने मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में 8 वोट अमान्य घोषित किये जाने के पीठासीन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.