Chandil (Dilip Kumar) : माघी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पांच फरवरी को नीमडीह प्रखंड के कुशपुतुल ग्राम में चांडिल अनुमंडल स्तरीय कलाकारों का जमावड़ा होगा. इसको लेकर झारखंड मानभूम लोक कला संघ ने नीमडीह, ईचागढ़, चांडिल व कुकडू के सभी बुनियादी सांस्कृतिक कलाकारों को आमंत्रित किया है. मौके पर क्षेत्र के सभी बुनियादी सांस्कृतिक कलाकारों के उन्नयन को लेकर चर्चा किया जाएगा. संरक्षण व प्रोत्साहन नहीं मिलने के कारण अनुमंडल क्षेत्र के छऊ नृत्य, नटुआ नृत्य, करम नृत्य, सोहराय नृत्य, दाशंय नृत्य, घोड़ा नृत्य, काठी नृत्य, टुसू नृत्यु, झूमर संगीत, बाउल संगीत, ढोल, धोमसा, साईना समेत अन्य बाद्ययंत्र कलाकार, नाटक कलाकार, जात व झापान कलाकार, धार्मिक नृत्य कलाकार समेत अन्य बुनियादी सांस्कृतिक कलाकारों की स्थिति दयनीय बनती जा रही है.
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उन्नयन के लिए बनेगी रणनीति
झारखंड मानभूम लोक कला संघ की ओर से बताया कि कलाकारों की होने वाली बैठक में उनके उन्नयन के लिए रणनीति बनाया जाएगा. इसके लिए विभिन्न प्रकार के कलाकारों को निर्धारित समय पर उपस्थित होने की अपील की गई है. संघ की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं किया गया है. सरकार की ओर से उचित प्रोत्साहन नहीं मिलने के कारण परंपरागत कला विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गया है. वहीं आधुनिकता ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों को भी विलुप्ती के कगार पर पहुंचा दिया है. क्षेत्र से कई परंपरागत वाद्य यंत्र अब देखने व सुनने को नहीं मिलता है.