Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम का जलस्तर 181.35 मीटर पर पहुंचने के बाद एक मात्र रेडियल गेट को 60 सेंटीमीटर तक खोल कर रखा गया है. परियोजना के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष डैम जलस्तर अधिकतम 181.75 मीटर तक पहुंच गया था. जलस्तर बढ़ने के कारण ईचागढ़ समेत चांडिल डैम के किनारे बसे डूब क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया था. हालांकि अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष विस्थापितों को अबतक अधिक नुकसान नहीं हुआ है. वहीं गांव के जलमग्न होने पर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा था. जलस्तर बढ़ने के बाद चांडिल डैम के पांच रेडियल गेटों को एक-एक मीटर तक खोल दिया गया था. इसके बाद जलस्तर घटने के साथ रेडियल गेटों को बंद किया जा रहा है.
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बारिश होते ही बढ़ जाती है धड़कन
मानसून के मौसम में बारिश होते ही विस्थापितों की परेशानियां बढ़ जाती हैं. तेज बारिश होने पर डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ता है, जिसके कारण डैम के किनारे पर बसे डूब क्षेत्र के गांवों में डैम का पानी घुस जाता है. प्रतिवर्ष डूब क्षेत्र के गांव जलमग्न होते हैं, जिससे विस्थापित परिवारों को नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार मकान धंस जाते हैं, सामान बर्बाद हो जाता है. ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ जाती है. बताया जाता है कि विस्थापित होने के बाद परियोजना प्रशासन की ओर से संपूर्ण मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा नहीं मिलने के कारण सैकड़ों की संख्या में विस्थापित परिवार अब भी अपने पुराने गांव में ही रहते हैं.