Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल प्रखंड के चौका में सात अप्रैल तक मिट्टी काटने व खेतों में हल जोतने समेत मिट्टी से जुड़े काम नहीं किए जाएंगे. तीन दिनों तक धरती माता को आराम दिया जाएगा. ऐसा गांव में अखंड हरिनाम संकीर्तन को लेकर होगा. मान्यता है कि गांव में हरिनाम होने पर मिट्टी से जुड़े काम नहीं किए जाते हैं. इस दोरान ना खेतों में हल जोता जाता है और ना मिट्टी काटने का काम किया जाता है.
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1931 में स्थापित गांव के हरिमंदिर में तीन रात्रि व्यापी अखंड हरिनाम संकीर्तन का आयोजन गुरुवार की सुबह से शुरू हो गया है. सार्वजनिक श्रीश्री अखंड हरिनाम संकीर्तन समिति की ओर से आयोजित संकीर्तन को लेकर बुधवार की देर शाम गंधादिवास किया गया. पूजा-अर्चना कर प्रभु का आमंत्रण किया गया. गुरुवार से शुरू होने वाले अखंड हरिनाम संकीर्तन का समापन रविवार को होगा.
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छह मंडलियों में तीन बांकुड़ा से
तीन रात्रि व्यापी अखंड हरिनाम संकीर्तन के लिए छह संकीर्तन मंडलियों को आमंत्रित किया गया है. इनमें तीन संकीर्तन मंडली पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से शामिल हो रहे हैं. संकीर्तन में शामिल होने वाले मंडलियों में जय निताई संप्रदाय बांकुड़ा के शोभा गोस्वामी, बांकुड़ा के तापस कुमार महंत, बांकुड़ा के राधेश्याम दास, श्यामनगर, कुकडू से पंचानन पांडेय, रायडीह, चौका से हरिदास गोस्वामी और चौका के मधु गोराई की मंडली शामिल हैं.
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तीन रात्रि व्यापी अखंड हरिनाम संकीर्तन में छह अप्रैल शनिवार को जागरण रात्रि होगा. इसके बाद सात अप्रैल रविवार को धुलट, भोगराग व वैष्णव सेवा के साथ नाम को विश्राम दिया जाएगा. अखंड हरिनाम संकीर्तन को लेकर मंदिर समेत पूरे परिसर को आकर्षक रूप से सजाया गया है. संकीर्तन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई है.