Chandil (Dilip Kumar) : धान की फसल के लिए समय बीत जाने के बावजूद क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित कर राहत कार्य शुरू नहीं किए जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के ईचागढ़ प्रखंड अंतर्गत चिमटीया व चितरी में प्रखंड क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग पर किसानों ने बुधवार को खेत में प्रदर्शन किया. उप मुखिया संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में किसानों ने क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित कर तत्काल राहत कार्य चलाने की मांग की. किसानों का कहना है कि बर्षाजल के अभाव में खेतों के साथ तालाब, डोभा भी सूखा है इससे 10 प्रतिशत भी धान की रोपाई नहीं की जा सकी है.
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पानी के अभाव में सूख रहे धान के बिचड़े
किसानों ने बताया कि धान बुआई का समय भी पार हो गया है. अब अगर अच्छी बारिश भी हुई तो धान रोपने से भी फसल का पैदावार होने की संभावना नहीं है. पानी के अभाव में धान के बिचड़े सूख रहे है. अभी हाइब्रिड बीज का जमाना है, जिसे 15 से 25 दिनों के अंदर रोपाई करना पड़ता है. क्षेत्र में धान का बिचड़ा तैयार हुए डेढ़ से दो महिने हो गए लेकिन अब तक खेती सौ प्रतिशत नहीं हो सकी है.
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कृषि ही आजीविका का मुख्य साधन
किसानों ने बताया कि वे मानसून की बारिश के भरोसे कृषि पर ही निर्भर हैं. किसानों का मुख्य फसल धान है. जिस की खेती वर्ष में एक बार ही की जाती है. इस बार तो बारिश नहीं होने के कारण खेती नहीं होने पर उनके समक्ष विकट स्थिति पैदा होने की संभावना है. उप मुखिया संतोष कुमार सिंह व कीर्ति चंद्र महतो ने कहा कि अब तक सरायकेला-खरसावां जिला को सुखाड़ क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के सांसद व विधायक इस संबंध में चुप है. खेती नहीं होने के कारण लोग अब रोजगार के लिए पलायन करने पर विचार कर रहे हैं.
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राहत कार्य चलाने की मांग
किसानों ने क्षेत्र को अविलंब सूखाग्रस्त घोषित कर राहत कार्य चलाने की मांग की है. क्षेत्र से लोगों का कहना है कि पलायन रोकने के लिए सरकार को अविलंब सूखा क्षेत्र घोषित करते हुए राहत कार्य चलाकर रोजगार देने का पहल करना चाहिए. ग्रामीणों ने सरायकेला-खरसावां जिला के साथ ईचागढ़ क्षेत्र में सुखा राहत पैकेज देने का मांग की है.