Chandil (Dilip Kumar) : गांव गणराज्य लोक परिषद (कोल्हान) के तत्वावधान में मंगलवार को चांडिल अनुमंडल मुख्यालय में एक दिवसीय अनाहार अनशन किया गया. सीएनटी-एसपीटी एक्ट के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने, पांचवीं अनुसूची व पेशा कानून का अनुपालन करने समेत अन्य 15 सूत्री मांगों के समर्थन में किए अनाहार अनशन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त बिहार विधान सभा के उपाध्यक्ष रहे सह पूर्व मंत्री देवेंद्र नाथ चंपिया उपस्थित थे. इसके अलावा पोटका से बासंती सिंह सरदार, मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकृष्ण सिंह मुंडा, कर्मू मार्डी, अंबिका यादव, सुकलाल पहाड़िया, रुपाय माझी, डोमन बास्के, प्रकाश मार्डी समेत कई लोग शामिल हुए.
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आदिवासियों के हित में बनी कानून कड़ाई से हो लागू
एक दिवसीय अनाहार अनशन में उपस्थित देवेंद्र नाथ चंपिया ने कहा कि देश में बने सीएनटी, एसपीटी समेत आदिवासियों से जुड़े अन्य कानून मुख्यत: भूमि की सुरक्षा के लिए बना है. इन कानूनों के अलावा पांचवीं अनुसूची क्षेत्र, पेशा कानून रहते हुए भी आदिवासियों की जमीन की लूट हो रही है. आदिवासियों की जमीन लूट होने का सबसे बड़ा कारण आदिवासियों के हित में बने इन कानूनों का प्रभावी ढंग से लागू नहीं होना है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए बनी टीएसी भी अप्रभावी है. टीएसी के सुझाव पर राज्यपाल केंद्र के किसी निर्णय को राज्य में लागू नहीं करने का पावर रखते है. देवेंद्र नाथ चंपिया ने कहा कि आदिवासियों के बदहाल स्थिति का दोषी हम सभी है. हमारे जनप्रतिनिधि भी आदिवासियों के लिए बनी कानूनों की जानकारी नहीं रखते हैं. बगैर सटीक जानकारी के किसी भी विधेयक पर हस्ताक्षर कर देते हैं. उन्होंने आदिवासियों के हित में बनी कानूनों को कड़ाई से लागू करने की मांग की.
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अनशन को अंबिका यादव समेत कई लोगों ने किया संबोधित
अनाहार अनशन को अंबिका यादव, कर्मु मार्डी, बासंती सिंह सरदार, सुकलाल पहाड़िया समेत कई लोगों ने भी संबोधित किया. अनशन के बाद चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी को 15 सूत्री स्मार पत्र सौंपा गया. स्मार पत्र में सीएनटी एक्ट की धारा 39 को उद्योग के नाम पर दुरुपयोग किया जा रहा है, इसे तत्काल बंद करने, कंपनियों द्वारा जमीन खरीद-बिक्री या लीज ग्राम सभा की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है. वन भूमि, गैर मजरुआ, खास भूमि से प्राप्त रकम ग्राम सभा के बैंक खाता में ग्राम विकास कार्य के लिए जमा किया जाना अनिवार्य करने, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट का अनुपालन करने समेत अन्य मांगें शामिल हैं.