Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों का दहशत कायम है. आए दिन किसी ना किसी गांव में जंगली हाथियों को उत्पात की खबर सुनने को मिलते रहती है. जंगली हाथियों का झुंड अनुमंडल क्षेत्र के चारों ओर घुम-घुमकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को दिन में ही हाथियों का झुंड चांडिल प्रखंड के कुरली गांव के सामने देखे गए. ऐतिहासिक बुढ़ाबाबा जयदा मंदिर के पीछे स्थित गजा डुंगरी से कुरली गांव के पूर्वी दिशा में स्थित बोड़ो कोचा की ओर जंगल से गांव की ओर हाथियों को आते देखा गया. इस संबंध में कुरली के ग्रामीणों ने बताया कि करीब 20 की संख्या में जंगली हाथी झुंड बनाकर जंगल से नीचे की ओर उतर रहे थे.
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पानी की तलाश में भटक रहे हाथी
कुरली गांव के जिस छोर की ओर जंगली हाथियों का झुंड उतर रहा है, उस ओर पानी का स्रोत है. कुरली गांव के माझी बाबा ने बताया कि गांव के पूर्वी दिशा की ओर एक तालाब, एक चेक डैम और जुड़िया है. हो सकता है कि जंगली हाथियों का झुंड पानी की तलाश में जंगल से गांव की ओर रुख कर रहे हैं. वन विभाग को जंगली जानवरों के लिए जंगल के अंदर ही उनकी जरूरत के सभी संसाधन मुहैया कराया जाना चाहिए. सरकारी स्तर पर जंगली जानवरों के लिए संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जानवर पानी जैसी जरूरत के लिए जंगल से निकलकर गांव की ओर रुख कर रहे हैं.
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दहशत में ग्रामीण
जंगली हाथियों के झुंड के एक बार फिर गांव की ओर रुख करने के बाद ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक माह के दौरान जंगली हाथियों के झुंड ने गांव के आधा दर्जन से अधिक मकानों को क्षति पहुंचाया है. इसके साथ ही किसानों के फसल और अनाज को अपना निवाला बनाया है. ग्रामीणों ने बताया कि जंगली हाथियों से सुरक्षा करने को लेकर वन विभाग के पदाधिकारियों से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन विभाग से अबतक आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला.