Chandil (Dilip Kumar) : झारखंड उच्च न्यायालय ने चांडिल प्रखंड के प्रमुख पद को लेकर दायर रिट याचिका का सुनवाई करते हुए अमला मुर्मू के पक्ष में फैसला सुनाया है. अमला मुर्मू बनाम झारखंड सरकार, उपायुक्त सरायकेला-खरसावां, गुरूपद हांसदा, अनुमंडल पदाधिकारी चांडिल, अंचलाधिकारी चांडिल, झारखंड चुनाव आयोग, पंचायत राज पदाधिकारी सरायकेला-खरसावां के रिट याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय ने अंतिम सुनवाई की. लगभग छह महीने तक उच्च न्यायालय में बहस होने के बाद अंतिम फैसला सुनाया गया है. उच्च न्यायालय के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी के अदालत में यह फैसला सुनाया गया. बताया गया कि दोनों पक्ष के दलीलों को सुनने और प्रस्तुत किए गए कागजातों के आधार पर अदालत ने अमला मुर्मू के पक्ष में फैसला सुनाया है. उच्च न्यायालय के फैसले के बाद यह तय माना जा रहा है याचिकाकर्ता अमला मुर्मू चांडिल प्रमुख पद पर बरकरार रहेंगी.
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उपायुक्त ने रद्द किया था पंसस का पद
विदित हो कि चांडिल प्रमुख अमला मुर्मू पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले की बेटी हैं जो चांडिल के भादूडीह निवासी जयराम माझी की पत्नी है. 2022 के झारखंड पंचायत चुनाव में अमला मुर्मू ने अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट से भादूडीह पंचायत समिति सदस्य के लिए चुनाव लड़ी और चुनाव जीती. इसके बाद अमला मुर्मू चुनाव जीतकर प्रमुख बनी. चुनाव में पराजीत होने वाले गुरूपद हांसदा ने अमला मुर्मू के जाति प्रमाण पत्र को गलत बताते हुए सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त से शिकायत किया था. उक्त शिकायत पर सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त ने अमला मुर्मू के खिलाफ फैसला देते उसकी प्रमुख पद और पंचायत समिति सदस्य के पद को रद्द कर दिया था. उन्होंने प्रमुख का चुनाव कराने का भी आदेश जारी कर दिया गया था. उपायुक्त के आदेश के बाद अमला मुर्मू ने झारखंड उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर किया था.
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न्यायालय से मिला न्याय : अमला मुर्मू
झारखंड उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए तत्कालीन चांडिल प्रमुख एवं याचिकाकर्ता अमला मुर्मू ने कहा कि उन्हें पद से हटाने के लिए एक गहरी साजिश रची गई थी. उन्हें राजनीति का शिकार बनाया गया था. आदिवासी महिलाओं को अपमानित करने का काम किया है लेकिन न्यायालय ने महिलाओं और आदिवासियों के पक्ष में फैसला देकर न्याय किया है. उन्होंने कहा कि अब वे महिलाओं को जागरूक करने का काम करेगी और उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी देगी.
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चांडिल : शिविर लगाकर लोगों को दी कानून की जानकारी
- विधिक सेवा समिति जागरूकता कार्यक्रम चलाया
Chandil (Dilip Kumar) : सौ दिवसीय आउटरीच सह जागरूकता कार्यक्रम के तहत मंगलवार को अनुमंडलीय विधिक सेवा समिति, चांडिल की ओर से प्रभात फेरी निकालकर लोगों को कानून की जानकारी दी गई. इसके साथ ही लोगों को उनके कानूनी अधिकार और कर्तव्यों को लेकर भी जागरूक किया गया. प्रभात फेरी अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय चांडिल से प्रारंभ होकर पुनर्वास कालोनी का भ्रमण कर वापस न्यायालय परिसर पहुंचा और समाप्त हुआ. प्रभात फेरी की अगुवाई अनुमंडलीय विधिक सेवा समिति के सचिव सह एसडीजीएम प्रभारी न्यायाधीश अमित आकाश सिन्हा ने किया.
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लोगों को दी गई अधिकारों की जानकारी
इस अवसर पर अनुमंडलीय विधिक सेवा समिति, चांडिल की ओर से लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में बताया गया. इसके साथ ही बाल विवाह, बाल श्रम समेत अन्य बाल अपराध, महिलाओं के अधिकार, कैदियों के अधिकार, विभिन्न प्रकार के घरेलू हिंसा से संबंधित जानकारी और उस पर होने वाली सजा के बारे में बताया गया. प्रभात फेरी में अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी राजेश कुमार, हरिचरण राम, आनंद कुमार, मनमोहन दास, अरुण महतो, छक्कन लाल पटनायक, नवल किशोर, पीएलवी कार्तिक गोप, भुपेन चंद्र महतो, रमजान अंसारी एवं ग्रामीण मौजूद थे.