Chandil (Dilip Kumar) : ग्रामीणों को अपने गांव व क्षेत्र में ही रोजगार मिले इसके लिए सरकार मनरेगा समेत कई योजनाएं चला रही है. कई योजनाओं में मशीनों के उपयोग को वर्जित कर मजदूरों से काम कराने का प्रावधान किया गया है. जरूरत के मुताबिक समय-समय पर विशेष योजना चलाकर मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है. बावजूद इसके मजदूरों को अपने क्षेत्र में रोजगार नहीं मिल पाता है. मजदूर इस मामले को लेकर ना कभी शिकवा-शिकायत करते है और ना संबंधित विभाग ऐसे मामलों पर विशेष निगरानी करते हैं. लोगों को अपने क्षेत्र में ही रोजगार मिले, जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा.
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नहीं मिल रहा न्यूनतम मजदूरी
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में चल रहे बड़ी योजनाओं में क्षेत्र के बाहर से मजदूरों को लाकर काम कराया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के मजदूर रेजा-कुली का काम करने विभिन्न शहरों में जा रहे हैं. विकास योजनाओं में काम करने वाले मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है. ईचागढ़ प्रखंड कार्यालय के बगल में निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पलामू और कुकडू प्रखंड के शीशी के सामने निर्माणाधीन पुल पर पलामू व गढ़वा के मजदूर काम कर रहे हैं. दोनों स्थानों में कुछ स्थानीय मजदूर भी काम कर रहे है, लेकिन इनकी संख्या कम है. विकास कार्यो में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि उन्हें प्रतिदिन तीन सौ रुपये की मजदूरी मिलती है. बताया जा रहा है कि मजदूरों को मिलने वाला मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से भी कम है.
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