Chandil (Dilip Kumar) : संविधान दिवस पर शनिवार को सिंहभूम कॉलेज चांडिल में भारत : लोकतंत्र की जननी विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतथि सह मुख्य वक्ता के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के सीसीडीसी प्रो मनोज कुमार महापात्रा उपस्थित थे. कॉलेज के कॉमन हॉल में आयोजित इस व्याख्यान को सुनने के लिए एनसीसी कैडेटों के साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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जागरूक होते ही गणतंत्र गुणतंत्र में बदल जाता है
सीसीडीसी डॉ महापात्रा ने अपने व्याख्यान में कहा कि लोकतंत्र विचारों की स्वतंत्रता है. लोकतंत्र की खूबसूरती तब है जब हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि एक समय था, जब संविधान के निर्माता बाबा साहब आंबेडकर को बचपन में पढ़ने एवं अपनी बात रखने का अधिकार नहीं था. लेकिन वही अंबेडकर ज्ञान के सर्वोच्च शिखर को पाने के बाद देश के संविधान निर्माता बने. इसलिए जीवन में ज्ञान प्राप्त करने की चेष्टा करनी चाहिए. संविधान 26 नवंबर 1949 में बना लेकिन लोकतंत्र का बीज हमारे वेदों में निहित है. जहां आप जागरूक हो गए वहां गणतंत्र गुणतंत्र में परिवर्तित हो जाएगा.
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अन्य लोगों ने भी साझा किए विचार
कॉलेज के एनसीसी कैडेट खुशी सहदेव ने अंग्रेजी में व कैडेट साबूही परवीन, ठाकुर दास महतो व राजेश मांझी ने हिंदी में सभा के समक्ष अपने विचार रखे. इससे पूर्व कॉलेज के प्रभारी डॉ संजय कुमार ने मुख्य वक्ता डॉ मनोज कुमार महापात्र का पुष्पगुच्छ से अभिनंदन किया. इसके बाद संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ सुनील मुर्मू के मंगलाचरण पाठ से कार्यक्रम की शुरुआत की गई. व्याख्यान को डॉ संजय कुमार ने भी संबोधित किया. व्याख्यान में प्रो रतन जॉन बारला, प्रो अंबिका रजक, डॉ नेपाल चंद्र महतो, डॉ प्रभास गोराई, प्रो सच्चिदानंद मैती, शंकर बेसरा, उत्तम चटर्जी, रेणु कुमारी, पूर्व सीनियर अंडर ऑफिसर अनुपम प्रमाणिक एवं सीनियर अंडर ऑफिसर रौनक सहदेव आदि उपस्थित थे. मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील मुर्मू ने किया.