Chandil (Dilip Kumar) : किसी भी स्थान के विकास का पैमाना उस स्थान के सड़कों की स्थिति को माना जाता है. किसी शहर की चहुंमुखी विकास के लिए सड़क यातायात के अनुकूल होना चाहिए तब ही विकास संभव है. जमशेदपुर और धनबाद दो औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की हालत किसी से छिपी नहीं है. राष्ट्रीय राजमार्ग की चर्चा होते ही चकाचक साफ सुथरी सड़क पर सरपट दौड़ते वाहनों की तस्वीर जेहन में आती है. पर, चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की कहानी उल्टी है. अपनी बदहाली पर राष्ट्रीय राजमार्ग 32 खुद ही आंसू बहा रहा है. चांडिल बाजार जैसे महत्वपूर्ण स्थान में एनएच 32 पर नाली का गंदा पानी बहना आम बात है, वहीं चांडिल बाजार से चांडिल गोलचक्कर तक सड़क पर गड्ढ़ों की स्थिति ऐसी की गिनती करते करते आदमी थक जाए, लेकिन गड्ढे समाप्त नहीं होते. राष्ट्रीय राजमार्ग 32 का सुदृढीकरण का काम चल रहा है. इसके तहत पितकी से घोड़ानेगी स्थित एनएच 33 तक नई बाईपास सड़क का निर्माण भी हो रहा है. पितकी से चांडिल गोलचक्कर तक खस्ताहाल सड़क से परेशान लोग सड़क बनने की आश लगाए बैठे है.
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खस्ताहाल सड़क यात्रियों के लिए बना परेशानी का सबब
खस्ताहाल सड़क पर जगह-जगह हुए गड्ढे यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. सड़क पर बस व अन्य वाहनों में यात्रा करने वाले यात्री के लिए सफर करना तकलीफ देह बना हुआ है. पिछले दिनों हुई बरसात के बाद सड़क पर जगह-जगह गड्ढे होने से वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. मार्ग की मरम्मत के लिए कई बार हाय-तौबा भी मचाया गया था. इसके बाद गड़ढों को भरा गया. लेकिन, अच्छी तरीके से गड्ढों को नहीं भरा गया इससे फिर गड्ढेंअपने पुराने रूप में आ गए. सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब गड्ढों में भरा गया गिट्टी और डस्ट धूल बनकर उड़ता है. वाहनों के आवागमन के साथ सड़क पर उड़ती धूल से राहगीरों का दम फूलने लगता है. निर्माण के कम समय में ही यह सड़क खस्ताहाल हो गया है. वैसे रेलवे की जमीन पर बना उक्त बाईपास सड़क अबतक एनएचआई को नहीं सौंपा गया है.
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