Chandil (Dilip Kumar) : सार्वजनिक सरस्वती पूजा कमेटी हारुडीह-धातकीडीह द्वारा आयोजित पांच दिवसीय मेला में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. मेला में होने वाले विभिन्न प्रकार के सांस्कृति कार्यक्रम में शामिल होकर दूर-दराज से आने वाले लोग आनंदित हो रहे हैं. सोमवार को दोपहर में हारुडीह मेला में झुमर संगीत का आयोजन किया गया. झुमर गीतों पर लोग देर शाम तक झुमते रहे. वहीं सोमवार की रात को छऊ नृत्य का आयोजन किया गया है. छऊ नृत्य में मानभूम शैली के महिला नृत्य दल अपर्णा महतो का दल भी अपनी हूनर दिखाएंगे. विदित हो कि चांडिल प्रखंड के हारुडीह में कोल्हान का एकमात्र सरस्वती मंदिर स्थापित है. वर्ष 1911 से प्रतिवर्ष सार्वजनिक सरस्वती पूजा कमेटी हारुडीह-धातकीडीह द्वारा सरस्वती पूजा के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता है.
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बाई नाच व संताली ड्रामा का हुआ आयोजन
चांडिल प्रखंड के हारुडीह गांव में आयोजित पांच दिवसीय मेला के दौरान रविवार की रात पश्चिम बंगाल के पुरुलिया की ज्योत्सना देवी बनाम कोटशिला की बिजली देवी के बीच बाई नाच का मुकाबला हुआ. वहीं दूसरी ओर रात को आदिम ओवर जारपा ओपरा, मयुरभंज, ओडिशा द्वारा मोने बाड़ीज पेड़ा दादा आलम कुली ईञा “दिशा- उदुरे राही दीदी कल्व गोड़ों सोपहद लेकाते” संताली ड्रामा का मंचन किया गया. हारुडीह सरस्वती मेला में झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल व ओड़िशा राज्य से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मेला में विभिन्न भाषाओं के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का मुख्य केंद्र है.