Chandil (Dilip Kumar) : किसी भी व्यक्ति द्वारा कही गई बात या किताबों के तथ्यों का अंधानुकरण नहीं करना चाहिए. जीवन में हमेशा प्रश्न करना चाहिए, तथ्यों को तर्क के आधार पर जांच परख करना चाहिए. तर्कसंगत तथ्यों को ही आत्मसात करना चाहिए. अपनी सिलेबस की किताबों के अलावे मनीषियों से संबंधित किताबें व विज्ञान आधारित तर्कसंगत किताबों का भी अध्ययन करना चाहिए. उक्त बातें उत्क्रमित मध्य विद्यालय टंगरिया, पोटका के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी ने कहीं. वे गैलीलियो साइंस क्लब चौका की ओर से ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी के मार्गदर्शन पर भारतीय अंतरिक्ष मिशन और ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जीवन पर आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे. परिचर्चा में ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी झारखंड चैप्टर के राज्य सचिव मंडल के सदस्य सुजोय भट्टाचार्य, बिशेश्वर महतो, अनितेश महतो, प्रभात महतो, चैतन महतो आदि उपास्थित थे. मौके पर दो हाई स्कूल चौका, हॉली क्रॉस स्कूल बेड़ादा चौका, मध्य विद्यालय चौका, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर चांडिल और आस-पास के कोचिंग सेंटरों के विद्यार्थी शामिल हुए.
इसे भी पढ़ें : नोवामुंडी : स्वर कोकिला लता एवं शहीद भगत सिंह की मनी जयंती
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए बजट बढ़ाए सरकार
परिचर्चा में डॉ कनाई बारिक ने कहा कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. वैज्ञानिक अनुसंधान में लगातार बजट कटौती, फंड क्राइसिस के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम का नतीजा है. देश की सरकार को चाहिए कि बजट की एक मोटी रकम वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए उपलब्ध कराएं, ताकि मानव सभ्यता की तमाम समस्याओं का समाधान के लिए उपयुक्त वैज्ञानिक अनुसंधान किया जा सके. ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी के सचिव मंडल सदस्य अनंत कुमार महतो ने कहा कि समाज की रूढ़िवादी विचारधारा व सामंती सोच वालों के कट्टर विरोध के बावजूद ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा विवाह, बाल विवाह की रोकथाम, स्त्री शिक्षा, स्वास्थ्य चिकित्सा के लिए लगातार संघर्ष किया. समाज सेवा के लिए संस्कृत कॉलेज की प्राचार्य पद से त्यागपत्र तक दे दिया. एक विद्यार्थी होने के नाते सभी को उनके जीवन संघर्ष को बारीकी से अध्ययन करना चाहिए.