Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों जंगली हाथियों के उत्पात की वजह से ग्रामीण त्रस्त हैं. आए दिन हाथियों का झुंड किसी ना किसी किसान के खेत में लगी फसल को नष्ट कर रहे हैं और मकानाें को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं. रात के अंधेरे में तो हाथी उत्पात मचा ही रहे थे अब तो हाथियों का झुण्ड सुबह के उजाले में भी गांव में घुम रहा है. हाथियों का झुंड देखकर ग्रामीण बाहर निकलने से भी परहेज कर रहे हैं. जंगली हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दहशत में है. शुक्रवार को नीमडीह प्रखंड अंतर्गत जुगिलोंग, पुरियारा व पारकीडीह गांव में 16-17 की संख्या में हाथियों का झुंड पहुंच गया. हाथियों के झुंड ने खेतों में लगी फसलों काे अपना आहार बनाया और उन्हें रौंद दिया.
इसे भी पढ़े : चांडिल : जयदा के सुवर्णरेखा नदी में मिला महिला का शव, नहीं हो सकी शिनाख्त
हाथियों को जंगल में रखना वन विभाग के वश की बात नहीं
हाथियों के झुंड का जंगल से निकलकर गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों में तीव्र आक्रोश है. लोगों का कहना है कि हाथियों को जंगल में रखना अब वन विभाग के वश की बात नहीं है. ग्रामीणों ने कहा कि हाथियों के झुंड का गांव में पहुंचने का सबसे बड़ा कारण दिन पर दिन जंगलों का सफाया होना है. हाथियों को जंगल में आहार नहीं मिलना भी इसका एक कारण हो सकता है. दलमा अभयारण्य में हाथियों के लिए सरकार करोड़ों रुपये देती है, लेकिन इसके बाद भी हाथी भोजन के लिए जंगल से निकलकर गांवों तक पहुंच रहे हैं.
इसे भी पढ़े : आदित्यपुर : सैकड़ों शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर आंदोलन के प्रथम चरण का किया आगाज
ग्रामीणों ने की नुकसान की भरपाई देने की मांग
हाथियों के झुंड द्वारा खेतों में किए गए नुकसान की किसानों ने भरपाई देने की मांग की है. प्रभावित किसानों ने सरकार से वन विभाग के माध्यम से नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है. वहीं समाजसेवी सनातन गोराई ने कहा कि क्षेत्र में आए दिन हाथियों का झुंड फसलों व घरों का क्षति पहुंचा रहे हैं, लेकिन वन विभाग चीर निंद्रा में सोयी हुई है. कुछ महीने पहले चातरमा गांव के एक युवक को हाथियों ने कुचलकर मार दिया था. वन विभाग अगर सजग नहीं रहती है तो क्षेत्र में ऐसी घटना घटती रहेगी.