Chandil (Dilip Kumar) : अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले पुनर्वास कार्यालय के समक्ष 16 जून से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. सोमवार को अपनी मांगों के समर्थन में मंच द्वारा सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के चांडिल पुनर्वास कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया. धरना प्रदर्शन के 11वें दिन विस्थापितों ने पुनर्वास कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान बड़ी संख्या में विस्थापित शामिल हुए. पुनर्वास कार्यालय में विस्थापितों का आक्रोशित भीड़ ने उग्र प्रदर्शन किया. भीड़ द्वारा पुनर्वास कार्यालय के पदाधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया गया. विस्थापित करीब चार घंटे तक कार्यालय परिसर में उग्र प्रदर्शन करते रहे. इस दौरान विस्थापितों ने कार्यालय में ताला जड़ दिया. इस अवसर विस्थापित बार-बार पुनर्वास पदाधिकारी से वार्ता करने की मांग कर रहे थे, लेकिन चार घंटे तक कोई भी पदाधिकारी अपने कक्ष से बाहर नहीं निकले. शाम करीब चार बजे विस्थापितों ने कार्यालय के गेट का ताला खोल दिया.
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40 वर्षों बाद भी नहीं मिला हक
इस अवसर पर राकेश रंजन महतो ने कहा कि 40 साल पहले चांडिल डैम निर्माण के लिए 116 गांव की जमीन अधिग्रहण किया गया, लेकिन आज तक विस्थापितों को उनका हक नहीं दिया गया. डैम निर्माण के समय जमीन अधिग्रहण के एवज में सरकार ने विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा किया था. 40 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया, बल्कि विस्थापितों का शोषण किया गया है. राकेश महतो ने कहा कि अब विस्थापित जागरूक हो चुके हैं और अपना हक अधिकार को लेने की तैयारी में हैं. मौके पर अनूप महतो ने कहा कि चांडिल डैम के विस्थापितों को सरकार ने छलने का काम किया है. विस्थापित अपना वाजिब हक की मांग लेकर वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से आजतक विस्थापितों को न्याय देने की पहल नहीं हुई. उन्होंने कहा कि चांडिल डैम के मुद्दे को केवल वोट बैंक बना कर रख दिया गया है.