Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान सरकार ने जो वादे किए थे उसे पूरा करने की मांग पर विस्थापितों का आमरण अनशन मंगलवार को नौवें दिन इस मौखिक आश्वासन पर समाप्त हुआ कि चांडिल डैम का जलस्तर 180 मीटर से ऊपर नहीं रखा जाएगा. आमरण अनशन पर बैठे विस्थापितों से मिलने गुरुवार को सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के अपर निदेशक और चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी पहुंचे और अनशनकारियों से वार्ता की. वार्ता में क्या क्या हुआ इसकी जानकारी संगठन के अध्यक्ष चंद्रा प्रकाश सहदेव ने दी. विस्थापितों का कहना है कि उनका आमरण अनशन सरकार और विभाग के वादा खिलाफी के विरोध में है.
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सरकार अपना वादा पूरा करे विस्थापित खुशी-खुसी पुनर्वास को चले जाएंगे
अनशनकारियों ने कहा कि सरकार अपना वादा पूरा करें तो विस्थापित खुशी-खुशी गांव छोड़कर पुनर्वास स्थलों पर चले जाएंगे. मौके पर अपर निदेशक ने कहा कि विस्थापितों की मांग पर चांडिल डैम का जलस्तर 180 मीटर से ऊपर नहीं रखा जाएगा. अनशनकारियों को उन्होंने इसका मौखिक आश्वासन दिया. अपर निदेशक ने कहा कि विस्थापितों की अन्य मांगे सरकार के स्तर का है जिसे विभाग की ओर से सरकार तक पहुंचाया जाएगा. मांगों को पूरा करने के लिए विस्थापितों ने विभाग को 6 महीने का अल्टीमेटम दिया है. मांगे पूरी नहीं होने पर 6 माह के बाद विस्थापित पुनः आंदोलन करेंगे.
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वादे पूरे किए जाने तक डैम का जलस्तर 177 मीटर रखने की थी मांग
सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के चांडिल बांध से विस्थापित हुए लोगों का कहना था कि सरकार के वादे पूरे होने तक डैम का जलस्तर 177 मीटर के नीचे रखा जाए. इसी मांग पर 21 सितंबर से पुनर्वास कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर चांडिल डैम के डुब क्षेत्र के विभिन्न गांवों के विस्थापित 116 गांव विस्थापित संगठन के बैनर तले बैठे थे. नौ दिनों तक अनशन पर रहने के बावजूद विस्थापितों की यह मांग पूरी नहीं हो सकी. विभाग की ओर से चांडिल डैम में 180 मीटर तक जल भंडारण करने की बात कही गई है.
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अनशन स्थल पर पलटा था ट्रैक्टर
बुधवार शाम अनशन स्थल पर एक अनियंत्रित ट्रैक्टर पलट गया था जिससे अनशन पर बैठे व वहां मौजूद दर्जनों लोग घायल हो गये थे. सभी को आनन-फानन में टीएमएच व एमजीएम अस्पताल पहुंचाया गया था. घायलों में से 8 लोगों का इलाज टीएमएच में चल रहा है. 3 घायलों का चांडिल में ही प्राथमिक उपचार हुआ वहीं 2 अन्य का एमजीएम में इलाज चल रहा है. बता दें कि इस घटना की निंदा सांसद संजय सेठ ने भी की थी और कई लोगों ने इसे साजिश करार दिया था.