Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम के चारों और डुब क्षेत्र के दर्जनों गांव अब भी जलमग्न है. डैम का जलस्तर मंगलवार की शाम 182.80 मीटर दर्ज किया गया था. सोमवार की रात तक डैम के आठ रेडियल गेट डेढ़-डेढ़ मीटर तक खुले थे. सुबह डैम का जलस्तर 182.75 दर्ज किया गया था. इसके बाद डैम के चार गेट बंद कर दिए गए. शाम तक डैम का जलस्तर बढ़कर 182.80 मीटर हो गया. इसके बाद दो और गेट को आधा-आधा मीटर खोल दिया गया. फिलहाल चांडिल डैम के कुल छह रेडियल गेट आधा-आधा मीटर खुला है. डैम का जलस्तर बढ़ा रहने के कारण अब भी डुब क्षेत्र के दर्जनों गांव में पानी जमा है. विस्थापित गांवों के लोग बगैर संपूर्ण मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा के गांव छोड़ना नहीं चाह रहे हैं. विस्थापितों का कहना है कि भले ही उनको जल समाधि लेना पड़े वे बगैर मुआवजा भुगतान और पुनर्वास सुविधा के गांव नहीं छोड़ेंगे.
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चांडिल डैम के डुब क्षेत्र के विस्थापित गांवों में राहत सामग्री का वितरण जारी
चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने से जलमग्न हुए विस्थापित गांवों में तीसरे दिन मंगलवार को भी आजसू के केंद्रीय सचिव सह जनसेवा ही लक्ष्य के संस्थापक हरेलाल महतो द्वारा राहत अभियान चलाया गया. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नीमडीह प्रखंड के लावा और कुकडू प्रखंड के आमाबुरु गांव के उन परिवारों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया गया, जिनके घर पानी में जलमग्न होकर क्षतिग्रस्त हो गये है. प्रत्येक प्रभावित परिवार को एक बोरा चावल, आलू, प्याज समेत अन्य जरूरत के सामग्री का वितरण किया गया. इस अवसर पर आजसू नेता हरेलाल महतो के समक्ष प्रभावित परिवारों ने अपनी कठिनाइयों और दुख को बयां किया. विस्थापितों ने हेमंत सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश जताया.
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यहां प्रत्याशी सिर्फ चुनाव के समय में आते हैं
मौके पर हरेलाल महतो ने कहा कि वे इस क्षेत्र के स्थानीय निवासी हैं, इसलिए यहां के निवासियों के दर्द को अच्छी तरह से जानते हैं. उन्होंने कहा कि ईचागढ़ ऐसा विधानसभा है, जहां प्रत्याशी चुनाव के समय आते हैं और पांच साल दिखाई नहीं देते हैं. सरकार व क्षेत्र के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों ने चांडिल डैम प्रभावित विस्थापितों की समस्याओं को सिर्फ राजनीतिक मुद्दा बनाकर रखा है. कभी समाधान का प्रयास ही नहीं किया. उन्होंने कहा कि डैम प्रभावित समस्याओं की स्थायी समाधान के लिए सभी के सहयोग से जोरदार आंदोलन किया जाएगा. इस अवसर पर लक्ष्मीकांत महतो, बेनुधर महतो, परशुराम गोराई, सत्यवान महतो, दीपक महतो, महेंद्र महतो आदि उपस्थित थे.