Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. जंगली हाथियों के झुंड द्वारा लोगों पर हमला कर जान से मारना या घायल करना, किसानों का फसल नष्ट करना व मकान क्षतिग्रस्त करना विगत कई वर्षों कसे क्षेत्र की प्रमुख समस्या बन गया है. इस समस्या के समाधान के लिए क्षेत्र के ग्रामीण संबंधित विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाते हुए थक चुके हैं. वन विभाग भी जंगली हाथियों को आबादी वाले क्षेत्र से जंगल में वापस ले जाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन हाथियों का झुंड भोजन, पानी की तलाश में वापस गांव की ओर अपना रूख कर रहे हैं. जंगली हाथियोकं के आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचने पर ग्रामीण दहशत के साये में रहने पर मजबूर रहते हैं. शाम ढलने के बाद लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है.
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दो दिनों से घूम रहा एक जंगली हाथी
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत रामनगर, होदागोड़ा, सीमा, गुंडा, काशीडीह समेत आसपास के गांवों में विगत दो दिनों से एक जंगली हाथी घूम रहा है. हाथी शाम ढलते ही गांव के पास स्थत खेतों में पहुंच जाता है और खेत में लगे गरमा धान, सब्जी आदि को खाकर व पैरों से रौंद कर नष्ट कर रहा है. हाथी ने रामनगर निवासी दीपक महतो के खेत में लगे गरमा धान को खाकर व रौंद कर नष्ट कर दिया.
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हाथी के आने के कारण अंधेरा होने के बाद लोग खेतों की ओर जाना बंद कर दिए है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को देते हुए हाथी से फसल और ग्रामीणों को बचाने की गुहार लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथी जितना नुकसान पहुंचाता है उतना वन विभाग की ओर से मुआवजा नहीं मिलता है. मुआवजा भी विलंब से मिलता है. ऐसे में किसानों को जीवन-यापन में दिक्कत होती है. लोगों ने समस्या के समाधान को लेकर जनप्रतिनिधियों को भी हस्तक्षेप करने की अपील किया है.
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चांडिल : धुलट के साथ अखंड हरिनाम संकीर्तन संपन्न, उमड़े श्रद्धालु
Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल प्रखंड के गांगुडीह पुनर्वास स्थल में आयोजित सार्वजनिक श्रीश्री अखंड हरिनाम संकीर्तन महायज्ञ गुरुवार को धुलट के साथ संपन्न हो गया. हरिनाम संकीर्तन की समाप्ति पर धुलट के बाद भोगराग लगाया गया. महाप्रभु को प्रसाद अर्पण किया गया और भक्तों के बीच उसे बांटा गया. 15 अप्रैल से प्रारंभ हुए संकीर्तन में बुधवार की रात जागरण रात्रि में हरिनाम सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. अखंड हरिनाम संकीर्तन के दौरान श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इस दौरान तीन दिनों तक लोग अपने आराध्यदेव की आराधना में लीन रहे. पुनर्वास स्थल और आसपास के क्षेत्र भक्तिमय हो गया था.
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भक्ति में भाव विभोर हुए श्रद्धालु
तीन रात्रिव्यापी संकीर्तन में छह संकीर्तन मंडली सहयोग दे रही थी. इनमें मथुर दास गोस्वामी, कोटशिला, पश्चिम बंगाल, नारायण दास गोस्वामी, बाघमुंडी, पश्चिम बंगाल, सुखेन महतो बलरामपुर, पश्चिम बंगाल, बिरेन दास गोस्वामी पहाड़पुर, रेंघु दास गोस्वामी रायडीह और रामकृष्ण रूहिदास गांगुडीह पुनर्वास का दल शामिल थे. संकीर्तन मंडली के सदस्यों की प्रस्त़ति और उनके गायन से श्रद्धालु भाव विभोर हुए. पश्चिम बंगाल के संकीर्तन मंडलियों की हरिनाम की प्रस्तुति को श्रद्धालुओं ने खूब सराहा. जागरण रात्रि में यहां भक्तों के लिए भंडारा भी लगाया गया था.