Chandil / Jamshedpur : एक बार फिर चांडिल के लोगों ने अपनी मानवता का परिचय दिया है. बीती शनिवार रात करीब 10 बजे एक मानसिक रूप से बीमार महिला दो नवजात बच्चों को लेकर घूम रही थी. चांडिल चौक बाजार के स्ट्रीट लाइट के नीचे अपने दो जुड़वा नवजात बेटी को लेकर महिला काफी देर से बैठी थी. नवजात दोनों बच्चियों की रोने की आवाज सुन कर आसपास के लोग जुट गये और महिला से पूछताछ करने लगे. बीमार महिला कुछ भी बता नहीं पा रही थी. जिसके बाद स्थानीय ग्रामीण व पीएलबी मो रमजान अंसारी ने इसकी सुचना चांडिल थाना को दी और एंबुलेंस से महिला और उसके दोनों नवजात को अनुमंडलीय अस्पताल चांडिल ले जाकर भर्ती कराया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए एमजीएम जमशेदपुर भेज दिया गया. दोनों नवजात बच्चों को स्थानीय चांडिल वासियों व पीएलवी ने समय रहते चांडिल अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने भी तत्परता के साथ इलाज करते हुए एमजीएम रेफर कर दिया ताकि जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहें.
बांधडीह गांव की है महिला, मायका हुमिद-धातकीडीह में
मानसिक रूप से बीमार महिला की पहचान नीमडीह थाना क्षेत्र के चालियामा पंचायत के बांधडीह गांव निवासी बैद्यनाथ सिंह सरदार की पत्नी सरस्वती सिंह सरदार के रुप में हुई है. मानसिक रूप से बीमार महिला सरस्वती सिंह का मायका चांडिल के हुमिद-धातकीडीह में है. इस संबंध में जानकारी देते हुए पीएलवी मो रमजान अंसारी ने बताया कि मानसिक रूप से बीमार महिला का इलाज एमजीएम जमशेदपुर में चल रहा है. करीब एक सप्ताह पूर्व महिला ने दो जुड़वा नवजात बच्चे को अपने मायके में जन्म दिया है. बीमार महिला के पति बैद्यनाथ सिंह सरदार ने बताया कि वह अपने मायका में रहती थी. उसकी मानिसक स्थिति सही नहीं है. घर से निकलने के बाद उसकी खोजबीन की जा रही थी. किसी तरह भटक कर वह चांडिल पहुंच गई थी.
सूचना पर डीएलएसए सचिव पहुंचे चांडिल, जच्चा-बच्चा का जाना हाल
मानसिक रूप से बीमार महिला द्वारा बच्चा जन्म दिये जाने की सूचना पर रविवार को डीएलएसए सचिव क्रांति कुमार चांडिल पहुंचे तथा महिला व नवजातों का हालचाल जाना. डीएलएसए सचिव क्रांति कुमार ने बताया कि मानसिक रूप से बीमार महिला के दो बच्चों के जन्म देने की जानकारी उपायुक्त अरवा राजकमल को दी गई तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए समुचित इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. साथ ही पीएलवी मो रमजान को उक्त महिला की देख-रेख के लिए एमजीएम भेजा गया है. ताकि वहां पर भी समुचित इलाज हो सके व जच्चा-बच्चा स्वस्थ रह सके.