Chandwa : सड़क, पानी, आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर आदर्श ग्राम के लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने चार घंटे की भूख हड़ताल भी की. चंदवा प्रखंड क्षेत्र के कामता पंचायत का सांसद के द्वारा गोद लिए गए आदर्श गांव चटुआग, चिरोखाड़ और कामता पंचायत क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के लिए आदिवासी किसान सड़क पर उतरे. तीन दिवसीय आंदोलन की शुरूआत कर दी गई है. चिरोखाड़, चटुआग गांव के आदिवासी आजादी के बाद से उपेक्षित हैं. ग्रामीण प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का ददंश झेल रहे हैं.
सांसद सुनील सिंह ने गांव को लिया था गोद
कमल गंझू ने बताया कि आदर्श गांव चटुआग के टोला चिरोखाड़ आदिवासी बहुल टोला है. यहां करीब 20 -25 परिवार के लोग निवास करते हैं. इसकी जनसंख्या करीब 100 के आस पास ह., यह टोला गांव की सड़क से भी कटा हुआ है, दशकों से इस टोले में एक भी सरकारी योजनाएं नहीं चलाई गई है. न ही एक रूपए की सरकारी राशि खर्च हुई है. वहीं बिशुन गंझू ने कहा कि आदर्श ग्राम योजना के तहत 2017 में जब चटुआग ग्राम का चयन आदर्श ग्राम के रूप में सांसद सुनील सिंह ने किया था. उस समय लगा था कि गांव की समस्या दूर होगी, लेकिन सड़क समेत एक छोटी सी भी समस्याओं को दूर नहीं किया गया. अभी भी गांव के लोग चुआंड़ी का बदबूदार पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.
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भूख हड़ताल में ये रहे शामिल
भूख हड़ताल में पंचायत समिति सदस्य अयूब खान, कमल गंझू, बिशुन गंझू, विशेश्वर गंझू, राजकुमार गंझू, मुठस गंझू, सनिचर गंझू, रामबृछ गंझू, द्वारिका ठाकुर प्रधान सुरेश उरांव, निशा उरांव, सुमंती कुमारी, बिमला उरांव, सुगवा देवी, करिश्मा देवी, अंजली देवी, कबुतरी देवी, जतरी देवी, शांति देवी, रुपा देवी, रनवा देवी, रुकमनी देवी, किरन माझी समेत बड़ी संख्या में गांव के महिला पुरुष शामिल थे.
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