आदिवासी जमीन को भू-माफियाओं और अंचल कर्मियों की मिलीभगत से बना दिया गैर आदिवासी
दाखिल खारिज कर मालगुजारी रसीद भी निर्गत कर दिया गया, कब्जे के वक्त मामला आया प्रकाश में
Chandwa : चंदवा अंचल क्षेत्र से जमीन की हेराफेरी की खबरें लगातार सामने आ रही है. आरोप है कि भू-माफियाओं द्वारा अंचल के कर्मियों और पदाधिकारियों से मिलीभगत कर हेराफेरी को अंजाम दिया जा रहा है. कही रकबा को बढ़ा तो कही घटा दिया जाता है. कहीं आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी बना कर गैर आदिवासियों को बेच दिया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है.चंदवा के वर्तमान मुखिया के पूर्वज रतिया उरांव, भुटुवा उरांव, टुम्पा उरांव वगैरह के नाम से रांची-चंदवा मुख्य पथ पर सांई नर्सिंग होम के सामने खतियानी आदिवासी भूमि खाता नंबर- 223 प्लॉट नंबर- 2025,2026 को भू-माफियाओं और कार्यालय कर्मियों के गठजोड़ से गैर आदिवासी बनाकर सन 1993 के आस पास ही गैर आदिवासी को बेच दिया गया. इतना ही नहीं बजाप्ते दाखिल खारिज कर मालगुजारी रसीद भी निर्गत कर दिया गया है.
मामला तब प्रकाश में आया जब केवाला धारक उक्त जमीन पर मापी करवाने के साथ जमीन पर दखल करने का प्रयास कर रहा था. जब केवाला धारक मापी करवा रहा था, उसी समय किसी व्यक्ति ने मूल रैयत को जमीन मापी किए जाने की सूचना दे दी. सूचना पर खतियान धारक रैयत मौके पर पहुंचे. वहां दोनों पक्ष के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई, इसके बाद केवालाधारक वहां से निकल लिये.
क्या कहते हैं वर्तमान मुखिया सह रैयत रंजीत उरांव
यहां भू-माफियाओं और अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से हमारे पूर्वजों की पुश्तैनी जमीन के गैर वाजिब तरीके से सामान्य जमीन बना कर गैर आदिवासियों को बेच दिया गया है. मेरी जानकारी में मेरे कोई भी पूर्वज जमीन नहीं बेचे हैं. बेचेंगे भी तो आदिवासी के पास ही, गैर आदिवासी के नाम केवाला और दाखिल खारिज होना ही अपराध है. अंचल प्रशासन और पुलिस गहराई से इसकी जांच करे और दोषियों पर कार्रवाई की जाए.
क्या कहते हैं सीओ सह बीडीओ
उपरोक्त मामले में अंचलाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो गलत है. मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अगर जांच में मामला सही पाया गया तो दोषियों पर नियम संगत कार्रवाई की जाएगी.
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