Ranchi: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के न्यायाधिकरण में सुनवाई पूरी हो गई है. बाबूलाल मरांडी की विधायकी रहेगी या जाएगी. इस पर स्पीकर कभी भी फैसला ले सकते हैं. 10वीं अनुसूची उल्लंघन के मामले में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दर्ज चारों मामलों में 8 बिंदुओं पर चार्ज फ्रेम किया गया था. मंगलवार को सभी बिंदुओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद स्पीकर ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के दलबदल ममले में स्पीकर ने सुनवाई की अगली तारीख 1 सितंबर मुकर्रर की है. दोपहर 2 बजे स्पीकर का कोर्ट लगेगा. उसी दिन या उससे पहले भी बाबूलाल के मामले में स्पीकर फैसला सुना सकते हैं.
बाबूलाल के गवाहों की पेशी की मांग खारिज
स्पीकर के न्यायाधिकरण में करीब 45 मिनट तक बहस चली. सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी के वकील ने गवाहों को पेश करने की मांग की, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया. कहा कि जो 8 बिंदु तय हुए हैं, सिर्फ उस पर ही चर्चा होगी. सुनवाई के बाद बाबूलाल के वकील आरएन सहाय ने कहा कि उन्हें संवैधानिक प्रावधानों को रखने का मौका नहीं दिया गया है. कहा कि दल-बदल मामले में एक ही तरह के सात मामले हैं, लेकिन सिर्फ बाबूलाल मरांडी के मामले पर तेजी है, जबकि प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के मामले पर कुछ नहीं हो रहा है. आधा और अपूर्ण सुनवाई के आधार पर फैसला देने की तैयारी न्यायोचित नहीं है. 1 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख है. स्पीकर उसी दिन फैसला सुनाएंगे.
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पांच विधायकों ने दर्ज कराया है दलबदल का मामला
बाबूलाल मरांडी झाविमो के सिंबल पर 2019 में विधानसभा चुनाव जीते थे. चुनाव के बाद वे भाजपा में शामिल हो गये थे. मरांडी का दावा है कि उन्होंने झाविमो का विलय भाजपा में नियमानुसार किया है. झाविमो में भाजपा के विलय को निर्वाचन आयोग की मंजूरी भी मिल चुकी है. संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत बाबूलाल मरांडी के खिलाफ चार मामले स्पीकर के न्यायाधिकरण में दर्ज कराए गए थे. ये शिकायतें पूर्व विधायक राजकुमार यादव, बंधु तिर्की और विधायक भूषण तिर्की, दीपिका पांडे सिंह और प्रदीप यादव ने दर्ज कराई थी.
क्या है बाबूलाल पर आरोप
प्रदीप यादव और बंधु तिर्की का आरोप है कि झाविमो के तीन विधायक थे, जबकि बाबूलाल मरांडी ने अकेले पार्टी बदली. उनके साथ कोई और विधायक नहीं गया. दो तिहाई विधायकों का दलबदल नहीं होने के कारण यह विलय अवैध है. वहीं बाबूलाल मरांडी का कहना है कि जब झाविमो का भाजपा में विलय हुआ था, उस वक्त सिर्फ बाबूलाल मरांडी ही झाविमो के एकमात्र विधायक थे. बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को 21 जनवरी और 6 फरवरी 2020 को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. वे जेवीएम के सदस्य नहीं थे.
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