NewDelhi/lucknow : लखीमपुर खिरी हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र के खिलाफ जिला अदालत में 26 अप्रैल को आरोप तय होंगे. जिला अदालत में मंगलवार को केस की सुनवाई के दौरान आशीष के वकील अवधेश सिंह ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था. इसमें कहा गया कि आशीष निर्दोष है. उसके खिलाफ केस चलाने लायक सबूत नहीं हैं. इसलिए उसे केस से डिस्चार्ज किया जाये.
इस मामले में डीजीसी (क्राइम) अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि वह 26 अप्रैल को उक्त प्रार्थनापत्र पर अपनी लिखित आपत्ति कोर्ट के समक्ष दाखिल करेंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की जमानत निरस्त कर दी है और एक सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया है.
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हाई कोर्ट ने विक्टिम को सही तरह से नहीं सुना : SC
SC ने कहा था कि हाई कोर्ट ने विक्टिम को सही तरह से नहीं सुना और औचित्यहीन तथ्यों पर विचार किया. वह फैसले के लिए केस की मेरिट में गया, जबकि केस की मेरिट पर विचार ट्रायल का विषय है. कहा कि विक्टिम को सुने जाने के अधिकार को अनदेखा करना यह दिखाता है कि हाई कोर्ट कितनी जल्दी में था. ऐसे में हाई कोर्ट का आदेश खारिज होने योग्य है. सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला फिर हाई कोर्ट के भेज दिया है.
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25 अप्रैल को सुनवाई होगी
अरविंद त्रिपाठी ने जानकारी दी कि 3 जनवरी को 5000 पन्ने की एसआईटी की चार्जशीट के बाद आशीष समेत 14 अभियुक्तों पर 302, 120 बी, 307, 326, 34, 427, 147,148,149, 3/25, 5/27, 30 आर्म्स ऐक्ट का आपराधिक मामला बना है. इसका परीक्षण होगा. बताया ति हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के मारे जाने के मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी.
जान लें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आशीष को जमानत दी थी. इसके बाद 15 फरवरी को उसे जेल से रिहा कर दिया गया था. वह 129 दिन जेल में रहा था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए जमानत रद्द कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अजय को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की थी.