- छात्रवृति के लिए जाति प्रमाण पत्र जरूरी, भूमिहीन छात्र कहां से लाएं खतियान
Ranchi : झारखंड में आदिवासी और दलित से जुड़े विभिन्न मामलों पर बुधवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से सोशल जस्टिस अंसेंबली आयोजित की गयी. डा रामदयाल मुंडा शोध संस्थान में केंद्र सरकार की विभिन्न योजना जैसे एसटी-एससी कानून, छात्रवृति, वृद्धा पेंशन और राशन कार्ड पर सोशल ऑडिट रिपोर्ट पेश की गयी. इनमें आयी खामियों से राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा, ताकि इसमें कमी एवं त्रुटियों को दूर किया जा सके. इस मौके पर रिया डाडेल ने बताया कि उनकी शादी साउथ इंडियन से हुई. मगर छह महीने बाद ही वहां उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. किसी तरह वह जान बचाकर रांची पहुंची. 21 नवंबर 2021 को चुटिया थाना गयी. केस भी दर्ज हो गया. मगर अब तक चार्जशीट फाइल नहीं हुई है. मुझे मुआवजा की चिंता नहीं है. मगर मुझे जल्द न्याय मिले.
राशन कार्ड और वृद्धा पेंशन को लेकर भी समस्याएं
जाति प्रमाण पत्र और छात्रवृति को लेकर ऑडिट रिपोर्ट पेश की गयी. कहा गया कि छात्रवृति के लिए जाति प्रमाण पत्र जरूरी है. मगर जो झारखंडी तो हैं मगर भूमिहिन है. ऐसे में वे लोग खतियान कहां से लाएं. इसके कारण छात्रवृति का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सोशल ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि प्री मैट्रिक छात्रवृति को लेकर कई स्कूल के प्रिंसिपल, अभिभावक और छात्रों को इसके बारे में अब तक पता ही नहीं है. यह बहुत ही चिंताजनक है. इसी तरह राशन कार्ड और वृद्धा पेंशन को लेकर भी समस्याएं सोशल ऑडिट के माध्यम से सामने आयी. एसटी-एससी मामले में समय पर चार्जशीट फाइल नहीं होने से भुक्तभोगियों को मुआवजा समय पर नहीं मिल पाता है. इस पर गहरी चिंता जाहिर की गयी.
जाति प्रमाण पत्र और खतियान सरकार का नीतिगत मसला
कार्यक्रम में मौजूद जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संगीता शरण ने बताया कि जहां तक जाति प्रमाण पत्र की बाध्यता या इसके लिए खतियान की बाध्यता है, तो यह सरकार का नीतिगत मामला है. मगर स्कॉलरशिप वितरण में देरी या कम पैसे मिलने की बात गलत है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी होती है. हो सकता है कि अलॉटमेंट के अभाव में देर से आए, मगर पैसा कम मिलने की बात सरासर गलत है.
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लॉ एंड ऑडर समस्या के कारण समय पर चार्जशीट फाइल नहीं हो पाती
चुटिया थाना के पुलिस अफसर ने बताया कि एसटी-एससी केस की सीधे डीएसपी स्तर से निगरानी होती है. रांची में लॉ एंड ऑर्डर के मामले में व्यस्तता के कारण हो सकता है समय पर चार्जशीट फाइल न हो. वे लोग प्रयास करेंगे कि समय पर चार्जशीट फाइल हो जाए.
केंद्र और राज्य सरकार को सौंपी जाएगी सोशल ऑडिट रिपोर्ट
जॉनसन टोपनो ने बताया कि अब हर जिलों में इस तरह का सोशल ऑडिट शुरू किया जा रहा है. इसके आधार पर तैयार रिपोर्ट केंद्र और सरकार को सौंपी जाएगी. ताकि इसमें कमी को दूर किया जा सके और इसका लाभ लाभुकों तक पहुंच सके. कार्यक्रम में विभिन्न देशों के 22 छात्र-छात्राएं शामिल हुए, जहां पर इस तरह की योजनाएं नहीं चलती है. इस पर ये लोग शोध रिपोर्ट तैयार करेंगे. कार्यक्रम में गुरूजीत, बलराम, सष्मिता, जेम्स होरो सहित कई लोग शामिल थे.
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