Chatra : आसमान पर बादलों का आना-जाना कई दिनों से जारी है लेकिन बिन बरसात के निकलने वाले बादलों ने धान की फसल पर संकट के बादल मंडरा दिये हैं. अब तो किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है. बात करें चतरा की तो यह कृषि प्रधान जिला है. यहां के किसान खेती पर ही पूरी तरह से निर्भर है. लेकिन इस वर्ष समय पर मॉनसून नहीं आने के कारण धान की फसल प्रभावित होती दिख रही है. मॉनसून की बेरुखी से किसान सोचने पर विवश हैं कि जब बीज बोए ही नहीं जा सके हैं, तो पैदावार कैसे होगी.
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बारिश के लिए पूजा-पाठ का सहारा
परेशान किसान बारिश के लिए अब पूजा-पाठ का भी सहारा ले रहे हैं. कहीं खेतों पर बारिश के लिए टोने-टोटके भी किये जा रहे हैं. कहीं-कहीं इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए खेत और घरों में हवन पूजन भी हो रहे हैं. कुछ किसान तो खेतों में महिलाओं से हल चलवाने की भी बात कर रहे हैं जिससे बारिश हो सके. अब अगर जल्द से जल्द बारिश नहीं हुई तो किसानों को तगड़ा झटका लग सकता है.
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बारिश के इंतजार में किसान
हालांकि कुछ किसान डीजल पंप के सहारे धान के खेत में बीज बो रहे हैं, तो वहीं अधिकांश किसान बारिश के इंतजार में हैं. किसानों का कहना है कि समय से बारिश नहीं होने के कारण धान और मक्का की खेती भी पूरी तरह प्रभावित हो रही है. किसानों के अनुसार धान के बीज बोने का उपयुक्त समय आर्द्रा नक्षत्र है. लेकिन आद्रा नक्षत्र के भी आए सप्ताह भर बीत गए लेकिन अभी तक बारिश नहीं हुई है. बारिश के अभाव में भदई फसल भी प्रभावित हो रही है. इससे मक्का की खेती भी नहीं हो पा रही है. कृषि विभाग की ओर से चतरा जिले में 36 हजार 500 हेक्टेयर भूमि पर इस साल धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन बारिश नहीं होने के कारण यह लक्ष्य पूरा होगा या नहीं, यह भविष्य के गर्भ में है.
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आइये जानते हैं क्या कहते हैं किसान बंधु
चतरा के प्रतापपुर के किसान सुरेन्द्र सिंह, सुनील सिंह, कामेश्वर यादव, रामदेव, ललन साव मिस्त्री ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण भदई फसल अब तक नहीं लगा पाये हैं. वहीं कुछ अन्य किसानों ने बताया कि सरकार अब तक खाद-बीज भी उपलब्ध नहीं करा पायी है. किसी तरह महाजन से कर्ज लेकर डीजल पंप के सहारे खेत तैयार कर धान का बीज बो रहे हैं. लेकिन इसमें ज्यादा खर्च आ रहा है. डीजल पंप से एक किसान को दो से तीन हजार रुपए ज्यादा खर्च हो रहे हैं. ऐसे में बारिश नहीं होने से परेशानी और भी बढ़ रही है. इस वर्ष मौसम साथ नहीं दे रहा है. ऐसा लग रहा है कि पूंजी भी इस वर्ष नहीं लौटेगी.
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जिले के किस प्रखंड में कितनी हुई बारिश
जून में अब तक चतरा जिले में सबसे अधिक बारिश टंडवा प्रखंड में हुई है. इस प्रखंड में अब तक 24 मिमी बारिश हुई है. बतरा प्रखंड में 12 मिमी, कान्हाचट्टी प्रखंड में 14.7 मिमी, सिमरिया में 5 मिमी, प्रतापपुर प्रखंड में 10.1 मिमी, गिद्धौर में 5 मिमी, लावालौंग में 20.5 मिमी और मयूरहंड प्रखंड में 16.4 मिमी बारिश हुई है. शेष चार प्रखंडों में अब तक बारिश नहीं हुई.
अच्छी बारिश के आसार- कृषि पदाधिकारी
कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट ने कहा कि आर्द्रा नक्षत्र में धान बीज की बुआई होती है. लेकिन बारिश के अभाव में लक्ष्य के मुताबिक बीजों की बुआई नहीं हो पायी है. किसान परेशान हैं. वे बारिश की राह देख रहे हैं. मौसम विभाग के मुताबिक इस वर्ष अच्छी बारिश होने के आसार हैं.