Tandwa(Chatra) : गरीबी के कारण पढ़ाई छूटी, तो दीनू ने ढाबा खोल लिया. दो वक्त की रोटी के लिए पहले उसने बस में एजेंटी की. वहां मन नहीं भरा, तो दीनू उर्फ राहुल छोटा-मोटा ढाबा चलाने लगा. बचपन से ही दीनू के घर की माली हालत ठीक नहीं थी. बस एजेंटी में आत्मसम्मान पर चोट पहुंचा, तो अंबेडकर चौक के किनारे थोड़ी सी जगह में ढाबा चलाने लगा. आज दीनू अपनी मेहनत की बदौलत दो पैसे कमा कर परिवार चला रहा है. दीनू खाना होटल नाम से एक छोटा सा ढाबा चला रहा है. दीनू कहता है कि गरीबी के कारण वह कई सालों तक टंडवा से हजारीबाग और चतरा की ओर जाने वाली यात्री बसों में सवारियां बैठा एजेंटी करता था. वहां के माहौल से दिल नहीं भरा, तो ढाबा चलाने लगा. दीनू कहता है ईमानदारी और मेहनत से काम कर परिवार चलाना ज्यादा मुश्किल नहीं है. फिलहाल इस कारोबार से वह काफी खुश है.
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