– सीयरकोनी-चतरा मोड़ के पास चल रहा अवैध कारोबार
– दर्जनों होटल व ढाबाें में बिक्री के साथ परोसी जा रही शराब
Vismay Alankar/Suraj Kumar
Hazaribagh: चौपारण के नेशनल हाइवे पर झारखंड बिहार की सीमा से सटे सीयरकोनी-चतरा मोड़ के पास होटलों और ढाबों में इन दिनों शराब परोसने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. इन होटलों और ढाबाें में संचालकों के द्वारा बेखौफ होकर मदिरा प्रेमियों को शराब पीने के लिए की पूरी व्यवस्था दी जाती है. इसके लिए यहां अलग से बैठने, खाने-पीने की तक की व्यवस्था है.
हालांकि, क्षेत्र के कुछ होटलों व ढाबों में शराब की बिक्री नहीं की जाती है, लेकिन अवैध तरीके से बैठा कर पीने का बेहतर इंतजाम दिया जाता है. यानी आपको शराब की बोतल खरीदनी है और इन ढाबों में बैठ कर मदमस्त हो जाना है. वहीं, दर्जनों होटलों और ढाबों में आपको शराब भी बिकता मिल जाएगा. वहीं से शराब खरीद कर जाम छलकाया जाता है. मयखाना बन चुके इन ढाबों व होटलों में हर रोज खुलेआम शराब पीते लोग दिख जाएंगे. संपन्न परिवार के लोगों और सफेदपोशों की बड़ी-बड़ी दर्जनों गाड़ियां इन ढाबों और होटल के बाहर लाइन से खड़ी रहती हैं और ढाबों के पीछे जाम से जाम से जाम टकराए जाते हैं. अमूमन, शाम ढलने के बाद शुरू हुआ यह सिलसिला देर रात तक चलते रहता है.
ऐसे में बड़ा सवाल है कि इन होटलों में शराब कहां से आता है. क्या अधिकृत ठेकों द्वारा इन ढाबा व होटलों में शराब की सप्लाई दी जाती है या फिर ये नकली शराब बेचने के आसान ठिकाने हैं. जानकारी के अनुसार चोरदाहा से चतरा मोड़ तक लगभग सात से 10, चतरा मोड़ से इटखोरी आठ से 10 और चतरा मोड़ से बरही तक 10 से 12 ऐसे ढाबा और होटल हैं, जहां अवैध रूप से शराब बेची जाती है और पिलायी भी जाती है.
आबकारी विभाग ने अब तक नहीं की है कार्रवाई
भाजपा जिला महामंत्री सुनील साहू कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि होटलों व ढाबों में अवैध रूप से शराब परोसने और बिक्री करने की जानकारी आबकारी विभाग या पुलिस प्रशासन को नहीं है. आबकारी विभाग सिर्फ नकली विदेशी शराब पकड़ने, महुवा शराब के विरुद्ध छापेमारी, अवैध शराब भट्टिया तोड़ने का दिखावा करने में लगी रहती है. लेकिन, इन ढाबा और होटलों को नजरअंदाज करती है. ऐसे में ढाबा और होटल संचालक इसका खूब फायदा फायदा उठाते हैं. वहीं, रसूखदार ढाबा और होटल संचालकों के उपर कुछ राजनैतिक संरक्षण होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. साहू कहते हैं इन होटलों, ढाबों में खुलेआम शराब बिक्री से आसपास के शहरवासियों और ग्रामीणों में आक्रोश है. दूसरी तरफ सड़क के दोनों किनारे गाड़ियां खड़ी रहने के कारण दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है. खुलेआम ढाबे के पीछे बैठकर शराब पीते दर्जनों लोग साफ-साफ नजर आते हैं, लेकिन ये सब आबकारी विभाग को नहीं दिखता है. पिछले कई महीनों से आबकारी विभाग द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसा प्रतीत होता है कि इन ढाबा व होटल संचालकों को शराब पिलाने का अघोषित लाइसेंस आबकारी विभाग द्वारा दे दिया गया है.
एक बंधी-बंधाई रकम देनी होती है : ढाबा संचालक
चौपारण से दनुआ के रास्ते में पड़ने वाले एक ढाबा के संचालक मनीष का कहना है कि एक बंधी-बंधाई रकम है, जो संचालक को ऊपर देनी होती है. फिर आपको एक तरह से शराब पिलाने का अघोषित लाइसेंस मिल जाता है. ये इलाका बिहार से सटा है और यहां बिहार से बड़ी संख्या में लोग शराब पीने आते हैं. इसलिए यह बहुत फायदे का धंधा है. हमें आसपास से ही अच्छे ब्रांड के नकली शराब भी मिल जाते हैं. इससे फायदा चौगुना होता है. हमलोग तो छोटे लोग हैं. इसमें बड़े-बड़े खिलाड़ी हैं. होटलों में दो सितारे होटल जैसे सुविधा दी जा रही है. ठहरने के कमरे भी दिए जाते हैं और कमरे में शराब पहुंचा दी जाती है .इन होटलों में आपको दिन-रात बिहार की नंबर प्लेट वाली गाड़ियां लगी दिख जाएंगी.
जिम्मेदारों की नाक के नीचे फल-फूल रहा कारोबार
इस इलाके में चल रहे अवैध शराब परोसने के कारोबार पर अधिवक्ता सुमन कुमार सिन्हा कहते हैं ऐसे ढाबों, होटल, रेस्टोरेंट पर पुलिस, आबकारी निरोधक दल, प्रशासनिक अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन से संबंधित लोग कार्रवाई कर सकते हैं लेकिन इन्हीं जिम्मेदार लोगों की लापरवाही से यह अवैध शराब परोसने का काम फल-फूल रहा है.
मामला संज्ञान में आया है. आबकारी विभाग पूरी ताकत के साथ इसे रोकने का प्रयास करेगा. मामला संगीन है और इससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान होता है.
– सुनील कुमार चौधरी, सहायक उत्पाद आयुक्त.