LagatarDesk : 30 सितंबर तक सभी बैंकों को अपने ब्रांच में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) लागू हो जायेंगे. RBI ने सभी बैंकों को इसे लागू करने का निर्देश दिया है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक क्लियर करने की एक प्रक्रिया है. इस सिस्टक के लागू होने से चेक क्लियरेंस तेजी से होगी और आपका बैंक का काम जल्दी पूरा हो पायेगा.
इसे भी पढ़े :एक्ट्रेस Urvashi Rautela पीती हैं काले रंग का पानी, जानें क्या है कीमत
2010 में ही शुरू हो गया था चेक ट्रंकेशन सिस्टम
चेक ट्रंकेशन सिस्टम साल 2010 से ही शुरू हो गया था. लेकिन अभी तक CTS केवल 1.50 लाख ब्रांचों में ही लागू हो पाया है. RBI ने सभी बैंकों के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस जारी करके कहा है कि बैंकों की कई शाखाओं को औपचारिक क्लियरिंग सिस्टम से बाहर रखा गया है. इसके कारण ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण लोगों को बैंकों में अधिक समय लगता है और चेक कलेक्शन में कॉस्ट भी ज्यादा लगती है. इसलिए बैंक के सभी शाखाओं में इमेज आधारित सीटीएस 30 सितंबर, 2021 तक लागू किया जाये.
इसे भी पढ़े :Corona Update: रांची में मिले 38 मरीज, राज्य में एक्टिव केस का आंकड़ा 600 पार
एक बैंक से दूसरे बैंक नहीं जाने पड़ेंगे
चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लियर करने की एक प्रक्रिया है. इसमें जारी किये गये फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना नहीं पड़ता है. फोटो लेकर ही चेक को क्लियर कर दिया जाता है. चेक क्लियर करने की पुराने नियम में चेक जिस बैंक में जमा किया जाता है, वहां से उसे चेक देने वाले के बैंक शाखा में भेजा जाता है. यही कारण है कि पुरानी व्यवस्था में चेक क्लियर होने में समय लगता है.
इसे भी पढ़े :हाइकोर्ट ने ECL पर लगाया 25 हजार का जुर्माना,बकाया भुगतान से जुड़ा है मामला
CTS में चेक के जगह इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजे जायेंगे
CTS के अंतर्गत चेक को क्लियर करने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक नहीं ले जाना पड़ता. CTS में चेक भेजने की जगह उसकी इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजी जाती है. इससे चेक जल्दी क्लियर हो जाता है. ग्राहकों के लिए बैंक से चेक क्लियर करने का काम जल्दी हो जाता है और काम आसानी से पूरा हो जाता है. इसके साथ ही अन्य जरूरी जानकारी जैसे MICR आदि भी भेजी जाती है. इसके माध्यम से समय की भी बचत होती है. जिसके कारण यह प्रक्रिया 24 घंटे में ही पूरी हो जाती है. जिन ग्राहकों के पास CTS मानक वाले चेक नहीं हैं, उन्हें अपने चेक बदलने होंगे. यह मल्टी सिटी चेक हैं.
इसे भी पढ़े :वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट- कोरोनाकाल में 3.2 करोड़ मिडिल क्लास भारतीय गरीबी रेखा में पहुंचे, 7.5 करोड़ बीपीएल बढ़े