Giridih: जिले के बेंगाबाद प्रखंड के मानजोरी गांव में करीब 40 डिसमिल जमीन पर चिया की खेती लहलहा रही है. इस फसल से किसान को अच्छी कमाई की उम्मीद है. बेंगाबाद के मानजोरी गांव के किसान यदु साव ने 40 डिसमिल जमीन पर चिया की खेती शुरू की है.
अभिव्यक्ति फाउंडेशन के सचिव कृष्णकांत ने मानजोरी फार्मर्स उत्पादक कंपनी के निदेशक भीम प्रसाद सिंह के माध्यम से यदु साव को बीज उपलब्ध कराया है. यदु साव चिया की फसल पर काफी मेहनत कर रहे हैं.
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जानें क्या है चिया सीड
चिया का वैज्ञानिक नाम साल्विया हिस्पानीका है. यह मेक्सिको में पाया जाता है. चिया मुख्य रूप से पुदीना प्रजाति का बीज होता है. चिया की खोज 1990 के दशक में डॉ वेन कोट्स ने की थी. इस बीज में ओमेगा-थ्री, फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
भीम प्रसाद सिंह ने बताया कि चिया को सुपर फूड बीज भी कहा जाता है. चिया के बीज काले, सफेद और सलेटी रंग के होते हैं. साथ ही इसका फूल बैंगनी और सफेद रंग का होता है. यह लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के साथ-साथ कई बीमारियों के लक्षणों को कम करने में भी मददगार साबित होता है.
चिया के बीज कई बीमारियों के खतरे कम करने में है मददगार
भीम प्रसाद सिंह ने बताया कि चिया के बीज मोटापा और ब्लड प्रेशर कम करते हैं. साथ ही साथ ये हड्डियों का विकास कर उसे मजबूत बनाने में भी काफी मददगार है. इससे शुगर और बीपी का खतरा कम होता है. साथ ही कैंसर के जोखिम को कम करने, त्वचा व बालों के विकार दूर करने में भी सहायक सिद्ध होता है.
किसान यदु साव ने बताया कि वे चिया के बारे में जानने के बाद इसकी खेती करने को लेकर काफी उत्सुक थे. अभिव्यक्ति फाउंडेशन के सहयोग से चिया की खेती संभव हो सकी है. चिया के बीज की कीमत 600 रुपये से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम है.
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