Ranchi: मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना 2020-21 को अभी भी जमीन पर उतरा नहीं गया है. वहीं विभाग की ओर से 2021-22 के लाभुकों का चयन किया जा रहा है. इस योजना के लाभुकों का पशुपालन, गव्य विकास एवं कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत चयन किया जाता है. जिसमें बकरा विकास योजना, सूकर विकास योजना, बैकयार्ड कुक्कुट लो इनपुट लेयर, मुर्गी पालन योजना, बॉयलर कुक्कुट पालन योजना शमिल हैं.
2020-21 में मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाभुकों को प्रशिक्षण दिया गया. उन लाभुकों के खाते में अनुदान की राशि 36 हजार 600 रुपये भेज दी गई. लेकिन मजे की बात यह है कि लाभुक इस राशि का उपयोग नहीं कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पशुधन योजना अंतर्गत 500 लेयर और 400 बॉयलर पालन के लिये मनरेगा योजना से 13/9 स्कॉयर फीट का शेड निर्माण किया जाना है.
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एक मुर्गी के लिये चाहिए एक स्कॉयर फीट स्थान
राज्य में बॉयलर मुर्गी पालन के लिये हजारों की सख्या में लाभुकों का सभी जिलों में चयन किया गया है. सवाल यह उठता है कि 117 स्कॉयर फीट के शेड में कैसे 400 मुर्गियां रहेंगी. इस डर से लाभुक कुक्कुट का चूजा नहीं लिये. लाभुकों को अनुदान देने के एक साल बाद विभाग की निंद खुली. विभाग के द्वारा शेड निर्माण के क्षेत्रफल सीमा में संशोधन किया है.
क्या कहते हैं पशुपालन पदाधिकारी डॉ कलाम
विभाग ने शेड को लेकर हो रही समस्याओं के निरकारण का निर्देश दिया है. अब 2020-2021 और 2021-2022 के लाभुकों का शेड निर्माण किया जाएगा.
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