Ranchi/Delhi: झारखंड के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सशरीर उपस्थित हुए. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पिछले 20 वर्षों से कर्मचारियों के बकाये वेतन देने से संबंधित मामले में तलब किया था. सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया है कि मामले का समाधान खोजने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाए. इस तीन सदस्यीय कमेटी में झारखंड, बिहार और केंद्र सरकार के अवर सचिव रैंक के अधिकारी होंगे. कमेटी सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देगी. इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी. सुनवाई के दौरान उपस्थित महाधिवक्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में सशरीर उपस्थित न कराया जाए. जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने मुख्य सचिव को अगली सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थित होने से छूट दी है.यहां बता दें कि
इस संबंध में बिहार राज्य अर्धसरकारी अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ व अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. झारखंड सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल और अधिवक्ता पल्लवी लांगर ने पक्ष रखा.
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