Bodh gaya: महाबोधि मंदिर और सुजाता मंदिर में भीख मांगने वाले बच्चे अब विदेशी भाषा सीख रहे हैं. बकरौर पंचायत के महादलित टोले के पुराने चरवाहा स्कूल भवन में गांव के रामजी मांझी निशुल्क उन्हें शिक्षा दे रहे हैं. वे यहां हिंदी, अंग्रेजी भाषाओं के साथ साथ बच्चों को तिब्बती, नेपाली भाषा बोलना सिखा रहे हैं. इस स्कूल में अधिकतर महादलित टोले के बच्चे हैं, जो यहां पढ़ने आने से पहले गांव के सुजातागढ़ और बौद्ध धार्मिक स्थल पर विदेशी पर्यटकों से भीख मांगते थे या मवेशी चराने का काम करते थे.
तिब्बती भाषा सीख रहे महादलितों के बच्चे
इस स्कूल में महादलित बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित के साथ साथ तिब्बती भाषा सिख रहे हैं. क्योंकि बोधगया में तिब्बती पर्यटक अधिक आते हैं और उन लोगों को हिंदी बोलना नहीं आता. इस स्थिति में यह बच्चे तिब्बती भाषा सिख कर उन्हें उनकी ही भाषा में समझा सकेंगे और गाइड का भी काम कर सकेंगे.
इसे भी पढ़ें- JSBCC निदेशक और भवन निर्माण के इंजीनियरों के खिलाफ JSBC सदस्य ने खटखटाया HC का दरवाजा