Kathmandu : चीन के लिए नेपाल में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. खबरों के अनुसार बदलते घटनाक्रम के बीच सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में जारी सिरफुटव्वल को खत्म करने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का खास संदेशवाहक काठमांडू आ रहा है. जैसी कि जानकारी सामने आयी है, उसके अनुसार पीएम ओली चीन के इस विशेष दूत से मिलने से मना कर सकते हैं. इससे पूर्व ओली चीनी राजदूत हाओ यांकी से नहीं मिले थे.
इसे भी पढ़े : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की कांग्रेस को सीधी चुनौती, 2024 में रायबरेली की सीट भी हाथ से जायेगी
हायो यांकी के फेल होने के बाद जिनपिंग चिंतित
सूत्रों के अनुसार पीएम ओली और पुष्प कमल दहल के बीच जारी घमासान को शांत कराने में चीनी राजदूत हायो यांकी के फेल होने के बाद जिनपिंग खासे चिंतित हैं. इसलि जिनपिंग ने तुरंत फैसला लेते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप मंत्री गूओ येझोउ को चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ नेपाल भेजा.
रिपोर्ट के अनुसार चार दिन के काठमांडू दौरे में गूओ येझोउ नेपाल के राजनीतिक हालात को लेकर कई नेताओं से मिल कर उनका दिल टटोलेंगे.
इसे भी पढ़े : आंदोलनकारी किसान सरकार के साथ चर्चा को तैयार, 29 दिसंबर की तारीख तय की, जानें, बातचीत का एजेंडा क्या
ओली और प्रचंड से मिलेंगे चीनी मंत्री
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी नेपाल यात्रा के दौरान चीनी मंत्री की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों ही धड़ों के नेताओं से मुलाकात संभव है. इससे पहले नेपाल में चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और झाला नाथ खनल के साथ मुलाकात की थी. ओली ने नेपाली राजदूत से मिलने से इनकार कर दिया था.
पीएम ओली का चीनी दूत से मिलने पर संदेह
सूत्रों के अनुसार चीनी राजदूत हाओ यांकी ने जिनपिंग के इस खास दूत गूओ येझोउ से मुलाकात के लिए ओली और प्रचंड से समय मांगा है. प्रचंड चीनी दूत के साथ मुलाकात के लिए सहमत हैं, पर ओली का कोई जवाब नहीं मिला है.