NewDelhi : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण के मुंबई स्थित घर पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी है. तत्कालीन ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम के परिसरों में भी तलाशी जारी है. जान लें कि चित्रा रामकृष्ण पर किसी आध्यात्मिक गुरु के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने और एक वरिष्ठ अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन की नियुक्ति में अनियमितता का आरोप है. रिपोर्ट्स के अनुसार चित्रा रामकृष्णा ने कहा था कि उसने ऐसा एक योगी के कहने पर किया था, जो कि हिमालय में रहता है.
Who is running India’s largest stock exchange i.e. National Stock Exchange?
Why NSEs was run by an invisible BABA?
Why are PM and FM Mum on India’s Biggest Financial Scam of all time?
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) February 15, 2022
Why NSE contested paying up Rs 1000 Crore penalty imposed by SEBI, which BABA recommended it? Does SEBI cant regulate exchanges or they are also following instructions of any other or same BABA? #BABA_control_NSE
Tweet 6/n
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) February 15, 2022
इसे भी पढ़ें : NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण के घर इनकम टैक्स की रेड, बाबा से गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हल्ला बोला
इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हल्ला बोला है.कहा कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण के एक बाबा के इशारे पर काम करने की बात सामने आने के बाद अब सरकार को इस संस्था के कामकाज के संदर्भ में श्वेत पत्र लाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम एनएसई के कामकाज को लेकर चुप क्यों हैं?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, नेशनल स्टॉक एक्सजेंच, जिसकी मार्केट कैप 303 लाख करोड़ रुपये है. उसको कोई बाबा चला रहा है. यह मैं नहीं कह रहा हूं, सेबी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है. सेबी का कहना है कि उसे नहीं पता कि यह बाबा कौन है? हमने सुना है कि यह बाबा यह हिमालय पर रहते हैं.
उन्होंने दावा किया कि सेबी की रिपोर्ट से यह बात साबित होती है कि इन अदृश्य बाबा के इशारे पर एनएसई की पूर्व सीईओ काम कर रही थीं. श्री वल्लभ ने कहा, 2013 से 2016 के दौरान चित्रा रामकृष्ण एनएसई की सीईओ थीं. यह बाबा 20 वर्षों से उनका व्यक्तिगत और पेशेवर मार्गदर्शन कर रहे थे.
इसे भी पढ़ें : सीएम योगी ने कहा, कोई भी बच्ची मर्जी से हिजाब नहीं पहनती, मैं किसी पर भगवा नहीं थोपता, फिर 300 पार करेंगे…
प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री चुप क्यों हैं?
वल्लभ ने कहा, इस मामले में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री चुप क्यों हैं? कहा कि सरकार को एनएसई के कामकाज के संदर्भ में श्वेत पत्र लाना चाहिए. जान लें कि बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को कथित तौर पर मार्गदर्शन देने वाले‘आध्यात्मिक गुरु’की दिलचस्पी उनके केश संवारने के तरीके में थी, उनको गाने भेजते थे और उनके साथ सेशेल्स की सैर पर भी गये थे.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक आदेश में यह दावा किया गया है. हालांकि सेबी का यह बयान चित्रा के उस दावे के ठीक उलट है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके आध्यात्मिक गुरु एक सिद्ध-पुरुष या परमहंस हैं और उनका कोई भौतिक शरीर नहीं है. उन्होंने अपने गुरु को इच्छा के हिसाब से शरीर धारण करने की शक्ति से लैस भी बताया था.
इसे भी पढ़ें : डॉ मनमोहन सिंह चुनावी समर में कूदे, वीडियो जारी किया, कहा, मोदी सरकार का राष्ट्रवाद नकली, आर्थिक नीतियों की समझ नहीं
एनएसई का एक दिन का टर्नओवर 64 हजार करोड़ रुपये
बता दें कि एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार (Share Market) है, जिसमें रोजाना 49 करोड़ ट्रांजेक्शन होते हैं. एनएसई का एक दिन का टर्नओवर 64 हजार करोड़ रुपये है. हर रोज बड़ी संख्या में इन्वेस्टर्स (Investors) इस मार्केट पर ट्रेड करते हैं.
इन सब के बाद अगर यह बताया जाये कि इतना बड़ा शेयर बाजार कई साल तक एक अज्ञात योगी के इशारे पर चल रहा था, तो लोग शायद यकीन ही न करें. हालांकि यह सच है और बाजार नियामक सेबी की जांच में साबित हो चुका है. यह पूरा वाकया इतना नाटकीय है कि किसी फिल्म की कहानी की तरह मालूम पड़ता है.
हर रोज ऑफिस आने की जरूरत नहीं थी
इस कहानी में कई हैरान करने वाली बातें हैं. एक आदमी को नौकरी देने के लिए नया पद ही बना दिया गया. महज 15 लाख रुपये की सैलरी वाले इंसान को 1.38 करोड़ रुपये के पैकेज पर रखा गया, वो भी तब जबकि उसके पास पद के लिए जरूरी पात्रता नहीं थी. उसे हर साल प्रमोशन मिलता रहा और महज 3 साल में उसे ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) बना दिया गया. उसे हर रोज ऑफिस भी आने की जरूरत नहीं पड़ती थी.
महज 3 दिन ऑफिस आने के बाद वह अपनी मर्जी से एनएसई का काम करता था. एक ऐसे योगी के इशारे पर एनएसई के सारे फैसले लिए जा रहे थे, जिसे न तो किसी ने कभी देखा और न ही कोई उससे कभी मिला.
6 साल चली जांच, 190 पन्नों का ऑर्डर
इस मामले में सेबी को जांच करने में 6 साल लग गये. लंबी जांच के बाद सेबी ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को 190 पन्नों वाला ऑर्डर जारी किया. सेबी ने एनएसई में गलत तरीके से संचालन और गलत कामों की शिकायत मिलने के बाद जांच की शुरुआत की थी. सेबी ने चित्रा रामकृष्णा पर 3 करोड़ रुपये और आनंद सुब्रमण्यम पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. कई लोग मानते हैं कि सुब्रमण्यम ही अज्ञात योगी है और इस तरह से वह अपने मनमाकिफ तरीके से चित्रा को कंट्रोल कर रहा था.
चित्रा ने सारे फैसले अज्ञात योगी के कहने पर लिये
सेबी के आदेश के अनुसार, 2013 में एनएसई की तत्कालीन सीईओ एंड एमडी चित्रा रामकृष्णा ने आनंद सुब्रमण्यम को चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (COO) के पद पर हायर किया. एनएसई में पहले से ऐसा कोई पद नहीं था. आनंद सुब्रमण्यम एनएसई में आने से पहले सरकारी कंपनी Balmer Lawrie में काम कर रहा था और उसकी सैलरी 15 लाख रुपये थी. एनएसई में उसे 9 गुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. इ
इसके बाद उसे लगातार प्रमोशन मिला और वह ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर बन गया. चित्रा ने आनंद को 5 दिन ऑफिस आने से भी छूट दी थी. उसे महज 3 दिन ऑफिस आना पड़ता था. चित्रा ने सारे फैसले अज्ञात योगी के कहने पर लिये थे, जिससे वह ईमेल के जरिए संपर्क करती थी.
चित्रा ने सेबी को बताया, योगी का कोई शरीर नहीं है
चित्रा ने सेबी को योगी के बारे में बताया कि उनका कोई शरीर नहीं है और वह अपनी इच्छा से कोई भी रूप धारण कर सकते हैं. वह एक रूहानी ताकत हैं, जो हिमालय में विचरण करते हैं. चित्रा rigyajursama@outlook.com पर ईमेल भेजकर बातचीत करती थी. वह यहां तक कि एनएसई की संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां भी इस ईमेल पर भेजती थी.
चित्रा ने अज्ञात योगी को जो जानकारियां दी, उनमें अगले 5 साल का फाइनेंशियल प्रोजेक्शन, डिविडेंड पे-आउट रेशियो, बिजनेस प्लान, एनएसई की बोर्ड मीटिंग का एजेंडा, एनएसई के कर्मचारियों के काम के रिव्यूज और अप्रेजल आदि भी शामिल हैं.