Kharsawan / Saraikela : केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र के लोगो को अच्छी चिकित्सा मिले यह राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. इन क्षेत्रों में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकार को और अधिक सतर्क रहनी चाहिए, लेकिन कुचाई और अड़की का अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग से संचालित मेसो अस्पताल बंद होना चिंता का विषय है.
विभाग के सचिव को फोन कर अस्पताल जल्द चालू करने के लिए कहा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने विभाग के सचिव को फ़ोन कर अनुसूचित जनजातीय कल्याण विभाग से संचालित मेसो अस्पताल कुचाई एवं अड़की को जल्द से जल्द पुनः चालू करने के लिए कहा. इस पर विभाग के सचिव ने कहा कि जिन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से इन अस्पतालों को संचालित किया जा रहा है, उनकी बकाया राशि जल्द से जल्द भुगतान कर दी जाएगी, ताकि पूर्व की तरह ये अस्पताल सुचारू रूप से चलाए जा सकंे.
16 जुलाई से बंद है कुचाई का मेसो अस्पताल
गौरतलब कि सरायकेला-खरसावां जिला के जनजाति बहुल कुचाई प्रखंड में कल्याण विभाग के अस्पताल (मेसो अस्पताल) को विगत 16 जुलाई से बंद कर दिया गया है. पूर्व में यहां विभिन्न प्रकार की बीमारी का इलाज होता था. अस्पताल में 50 बेड़ के साथ साथ एक्स-रे, इसीजी, लैब आदी की सुविधा है. बताया जा रहा है कि अब अस्पताल में सिर्फ ओपीडी सेवा ही मिलेगी. इसको लेकर अस्पताल में स्टॉफ की भी कटौती की गयी है. अधिकांश कर्मी अस्पताल का हॉस्टल खाली कर घर चले गये हैं. अस्पताल के अधिकांश कर्मियों को भी एक माह पहले ही नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दे दी गयी थी.
2019 से नहीं मिला दीपक फाउंडेशन को अनुदान
सरकार ने 2018 से 2023 तक के लिए कल्याण अस्पताल कुचाई के संचालन, रख-रखाव व प्रबंधन की जिम्मेवारी दीपक फाउंडेशन को दी है. अस्पताल के संचालक दीपक फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि 21 नवंबर 2019 से अस्पताल संचालन के लिये दीपक फाउंडेशन संस्थान को अनुदान नहीं मिला है. मार्च 2021 तक 1.94 करोड़ से अधिक का अनुदान लंबित है. अब वित्तीय संकट के कारण अस्पताल को बंद कर दिया गया है. आदिवासी कल्याण विभाग की ओर से पूरे राज्य में 16 अस्पताल संचालित हो रहे हैं. इन अस्पतालों का संचालन का जिम्मा सरकार ने एनजीओ को दी है. अस्पताल संचालन के लिये सरकार से उन्हें अनुदान मिलता है.