- -विधानसभा के शीकालीन सत्र के समापन पर सदन नेता ने केंद्र सरकार और विपक्ष पर किया जमकर प्रहार
- कहा: सरकार बनने के कुछ घंटे बाद से ही हमारी सरकार गिराने का शुरू हो गया प्रयास, राज्यपाल भी सरकार हिलाने-डुलाने में जुटे रहे
- सीएम ने की अहम घोषणाएं : हमारी सरकार कराएगी जातिगत गणना,ओबीसी आरक्षण बिल की मंजूरी के लिए मिलेंगे राज्यपाल से
Kaushal Anand
Ranchi: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र विधानाध्यक्ष अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो और सदन नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाषणों के साथ गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. मुख्यमंत्री ने समापन के मौके पर अपना वक्तव्य दिया. उन्होंने अपना संबोधन एक पंक्ति “हमारे कदम चलते रहेंगे जब तक सांस है, हम वो मुसाफिर नहीं की बाधा देख कर चलना छोड़ दें” के साथ शुरू किया. उन्होंने अपने वक्तव्य में एक साथ केंद्र सरकार और राज्य के विपक्ष पर चौतरफा हमला किया. उन्होंने कहा कि इनकी आदत न तो सच बोलने की है और न सच सुनने की है. हमे पूर्ण बहुमत देकर राज्य की जनता ने हमारी सरकार बनायी. मगर सरकार गठन के कुछ ही घंटे बाद से हमारी सरकार को गिराने का षडयंत्र शुरू हो गया. कभी राजभवन के जरिए तो कभी खरीद-फरोख्त के जरिए. जब इसमें ये सफल नहीं हुए तो ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को हमारे पीछे लगा दिया. राज्यपाल कहीं न कहीं केंद्र का प्रतिनिधि होने के नाते वह केंद्र से प्रभावित रहते होते हैं. राज्यपाल के जरिए भी हमारी सरकार को हिलाने-डुलाने का प्रयास हुआ. मगर मैं सदन को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आने वाले 2024 में फिर हम ही सरकार बनाएंगे.
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ओबीसी आरक्षण बिल की स्वीकृति के लिए राज्यपाल से मिलेंगे
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में घोषण किया कि हमारी सरकार जातिगत गणना कराएगी. रही बात ओबीसी आरक्षण की तो हमारी सरकार ने इसी सदन से बिल पास करके राज्यपाल के पास भेजा है. मगर राज्यपाल इसको लेकर अब तक कुछ नहीं कर रहे हैं. शीतकालीन सत्र के बाद हम सभी राज्यपाल से मिलने जाएंगे और इसे जल्द से जल्द स्वीकृति देने की गुहार लागाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग सदन में 1932 स्थानीयता बिल को सहमति देते हैं और बाहर राज्यपाल का कान फूंक देते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आबुआ आवास योजना के तहत हर गरीबों को पक्का मकान देगी.
क्या हम 25 साल के युवा झारखंड को सशक्त कह पाएंगे
सीएम ने कहा कि ऐसे वक्त में राज्य का मुझे बागडोर मिला जब चंद सालों में ही यह युवा राज्यों की गिनती में आ गया. सबसे अधिक विपक्ष को ही सरकार चलाने का मौका मिला. झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ समय बाद झारखंड युवा हो जाएगा, लेकिन क्या हम कह पाएंगे कि हमारा प्रदेश सशक्त है. सीएम ने कहा कि विपक्ष अधिकांश समय माता-पिता की भूमिका में था. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महामारी जैसी विपत्ति में भी हमारी सरकार ने किसी नागरिक को भूखा मरने नहीं दिया.नए सदन में हीटर लगा है. ठंड भी है. हमें ऐसी विरासत मिली है. माइक में बोलने के लिए हेडफोन लगाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद सरप्लस बजट मिला. मगर आज हम हम घाटे के बजट पेश कर रहे हैं. आखिरकार सरप्लस बजट गया कहां.
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लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में हो रही घटना देश देख रहा
हेमंत सोरेन ने सरकार को कोसने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमें डराने-गिराने का निरंतर प्रयास किया गया. सदन सबसे बड़ा मंदिर है. यहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा को मानने वाले सभी लोग बैठते हैं. जब सोचता हूं कि सबसे बड़ा कौन तो सब धर्मों के लिए सम्मान जागता है, लेकिन यह सदन तो लोकतंत्र का मंदिर है. हमसे से ऊपर लोकसभा है. राज्यसभा है. हम उनसे सीखते हैं. आज लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में क्या हो रहा है, देख रहे हैं. आज भी 3 सांसदों को निंलबित कर दिया.
विपक्ष से सच्चाई सुनी नहीं जाती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को बताना चाहिए कि सामाजिक सुरक्षा के मोर्चे पर इन्होंने क्या किया. मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्षी विधायकों ने वॉकआउट किया. सीएम हेमंत ने कहा कि यही दिक्कत है. उनसे सच्चाई सुनी नहीं जाती. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं 4 साल में सभी समस्याओं के समाधान का दावा नहीं कर रहा हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह मजदूर पैदा करने वाला राज्य नहीं रहेगा.
अग्निवीर योजना की पोल खोल रही है पूर्व सेनाध्यक्ष की किताब
सोरेन ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि हमारे हिस्से का 1.36 हजार करोड़ रुपए दबाए बैठा है. प्रधानमंंत्री आवास का पैसा नहीं दिया. मनरेगा के हिस्से का पैसा काट दिया. लाखों राशन कार्ड धारियों को राशन बंद कर दिया. अगर हमारा बकाया पैसा मिल जाता तो हमारे राज्य का पिछड़ापन दूर हो सकता था. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने 500 रुपए में गैस सिलिंडर देने का वादा किया, तो भाजपा ने कहा कि हम 450 रुपए में देंगे. मगर अब जब सरकार बनी गयी तो कहते हैं कि नहीं दे सकते हैं. देश की सेना में गांव के लोग अधिक जाते थे. मगर अग्निवीर के तहत काफी कम सैलरी में 4 साल की नौकरी दी जा रही है. इस योजना की पोल खुद पूर्व सेनाध्यक्ष अपनी किताब में कर रहे हैं. मोदी गांरटी की बात करते हैं, मगर यही लोग किसानों के हित के खिलाफ नया किसान कानून लाने जा रहे थे. किसानों के विरोध के कारण केंद्र सरकार वापस हुई. अब जंगलों में निजी कंपनियों को घुसाने की फिराक में हैं.