Ranchi: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र हो-हंगामे के बीच गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए संपन्न हो गया. एक धर्म विशेष के लोगों को नमाज कक्ष आवंटित करने, सरकार के लाये नियोजन नीति का विरोध करते हुए भाजपा विधायकों ने पूरे सत्र में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सत्र के अंतिम दिन सदन के मंच से हो-हंगामे की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि जिस सहनशीलता के साथ हमने मॉनसून सत्र को चलाया है. वे भी चाहते थे कि सदन में विपक्ष सरकार की बातों को सुने. सदस्यों के चरित्र पर सवाल उठाना भाजपा सदस्यों का एक नियत बन गया है वे सड़क से लेकर सदन तक तांडव कर रहे हैं. सीएम ने कहा, कोई और होता तो इतना सब्र नहीं रख पाता, जितना हमने रखा.
सवाल तो जनता ही देती है, ना कि पार्टी. सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी की तड़प इतनी बढ़ गयी है कि एन केन प्रकरण सत्ता में वे आये. पूरा देश इनके चरित्र से वाकिफ हो गया है. लेकिन जनता इनको हर तरफ से जवाव दे रही है. बंगाल चुनाव में सभी ने देखा कैसे भाजपा ने अपना चरित दिखाया. उस समय तो पूरा बंगाल भारत-पाकिस्तान जैसा हो गया था.
अमर बाउरी के रोने को सीएम ने बताया घड़ियाली आंसू
सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग भी विपक्ष में थे, लेकिन कभी भी रिपोर्टिंग टेबल नहीं पटका. टेबल पर बैठी महिला कर्मी को उठने को विवश किया. स्पीकर के सहनशीलता पर धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, इतना होने के बाद भी उन्होंने किसी भी सदस्य के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. मुख्यमंत्री ने अमर बाउरी के सदन के बाहर रोने की घटना को घड़ियाली आंसू बताया. सीएम ने कहा, आज भाजपा वालों के सामने केवल हिन्दू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान का मुद्दा रह गया है. इन्हें देश की गिरती आर्थिक व्यवस्था पर कोई चिंता नहीं है. ऐसे में तो वे देश को विकलांग ही बना देंगे.
अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के समापन भाषण के बाद झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस सत्र में कुल 8 विधेयक पारित किए गए हैं. 83 अतिरिक्त, 203 तारांकित, 103 अल्प सूचित सहित कुल 386 प्रश्न विधानसभा को प्राप्त हुए. 20 ध्यानाकर्षण, 44 निवेदन प्राफ्त हुए. इनमें 27 स्वीकृत हुए. 90 सूचनाएं शून्यकाल के दौरान आयी.