• कार्यकर्ताओं से हेमंत का वादा, विश्वास रखिए यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. विपक्ष सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकेगा.
• गुजरात के आदिवासियों से अपील, संकल्प लें कि कोई भी एसटी सीट भाजपा जीत न पाए.
• कार्यकर्ता तैयार रहें, अब तीन प्रमुख लड़ाई लड़नी है. राजनीतिक, कानूनी और षड़यंत्रकारी.
• हमारा लक्ष्य राजनीति की रोटी सेंक रहे विपक्ष की रोटी को जलाने का होना चाहिए.
• कार्यकर्ता गांव-गांव तक जाकर सरकार की उपलब्धियों को बताएं.
• कार्यकर्ता अगर जेल भरो अभियान करने पर आ जाएं, तो जेल भरना मुश्किल हो जाएगा.
• विपक्ष बालू और गिट्टी में भ्रष्टाचार खोज रहा है, लेकिन खनिज संपदा में लूट उसे नहीं दिखता
• भाषण रोक मुख्यमंत्री ने दी एंबुलेंस को दी जगह
Ranchi : अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे समन के विरोध में गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का गुस्सा सतह पर आ गया. हेमंत सोरेन ने कहा, षडयंत्रकारी भाजपा वाले सोचते हैं कि जब पूछताछ के लिए सोनिया गांधी या राहुल गांधी को बुला सकते हैं, तो हमारे पास ताकत है कि मुख्यमंत्री को भी बुला लें. मैं तो चुनौती देता हूं, मुझसे पूछताछ मत करो. बल्कि गिरफ्तार करके दिखाओ. फिर तो जवाब जनता देगी, क्योंकि जनता का आशीर्वाद मुझे मिला हुआ है. हेमंत ने पूछा कि आखिर उन्होंने ऐसा कौन सा गुनाह किया है?
कार्यकर्ताओं का हुजूम मुख्यमंत्री आवास पहुंचा
इससे पहले सुबह से ही झामुमो कार्यकर्ताओं का हुजूम मोरहाबादी मैदान में जुटने लगा. विभिन्न जिलों से सैकड़ों कार्यकर्ता रांची पहुंचे. फिर कार्यकर्ताओं का हुजूम रैली के रूप में मुख्यमंत्री आवास पहुंचा. सीएम आवास के मुख्य गेट के सामने एक अस्थायी मंच बनाया गया है, जिस पर खड़ा होकर मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. मंच पर मंत्री मिथलेश ठाकुर, चंपई सोरेन, सांसद विजय हांसदा, महुआ माजी सहित कई विधायक उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि यह सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. भाजपा वाले सरकार का बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे.
अब हमें तीन प्रमुख लड़ाई लड़नी है
कार्यकर्ताओं से हेमंत ने कहा कि अब हमें तीन प्रमुख लड़ाई लड़नी है. राजनीतिक, कानूनी और षड़यंत्रकारी लड़ाई. सभी जानते हैं कि 2014 से भाजपा ने देश और राज्य को लूटा. 2019 में हमने डबल इंजन की सरकार को तो हटा दिया, अब दूसरा देखना बाकी है. अगले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा. हेमंत ने गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर वहां के आदिवासियों से कहा कि वे संकल्प लें कि एक भी आदिवासी सीट भाजपा जीत न पाए.
कार्यकर्ता जब जेल भरो अभियान शुरू करेंगे, जेल भरना मुश्किल हो जाएगा
भाजपा पर हमला बोलते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि वे चुप-चुप कर कभी गवर्नर हाउस, कभी ईडी, कभी सीबीआई, तो कभी प्रधानमंत्री आवास में रात बीताते हैं. उन्हें लगता है कि जब वे मुझे जेल भेजेंगे, तो हम और हमारे कार्यकर्ता डर जाएंगे. जब झामुमो कार्यकर्ता जेल भरो अभियान शुरू करेगा, तो जेल भरना मुश्किल हो जाएगा.
हर बार विपक्षियों को हार का सामना करना पड़ा
कैसे लिया झारखंड, लड़ कर लिया झारखंड का नारा लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से ही हमारे विरोधी सरकार को अस्थिर करने में लगे हैं. इससे राज्य में एक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में कार्यकर्ता अब पूरी तरह से राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहें. कई बार सरकार गिराने की साजिश रची गयी, लेकिन हर बार विपक्षियों को हार का सामना करना पड़ा.
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विपक्ष को खनिज संपदा में लूट नहीं दिखता
हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष आज बालू और गिट्टी में भ्रष्टाचार खोज रहा है. लेकिन 20 सालों से राज्य के खनिज संपदा को लूटा गया, इसमें उसे कोई भ्रष्टाचार नजर नहीं आता, क्योंकि इसका उत्खनन केंद्र सरकार करती है. हेमंत ने कहा कि इस राज्य को हमने लड़ कर लिया है. अब विपक्ष के षडयंत्र को भी हमलोग लड़ कर समाप्त करेंगे.
अगले चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा
मुख्यमंत्री ने कहा- हमें परेशान करने के लिए भाजपा वाले कभी सीबीआई तो कभी ईडी का उपयोग करते हैं. आखिर विपक्ष कब तक संवैधानिक संस्थाओं के सहारे रोटी सेंकने का काम करेगा. चार-चार उपचुनावों में उसकी हार हुई. अब हमारे कार्यकर्ताओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा का सुपड़ा साफ करने का काम करें. अब हमारा लक्ष्य रोटी सेंकने का नहीं बल्कि विपक्ष की इस रोटी को जलाने का होना चाहिए. इसलिए कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर सरकार की उपलब्धियों को बताएं.
जब अधिकार मांगते हैं, तो विपक्ष ईडी और सीबीआई भेजता है
हेमंत सोरेन ने कहा कि आज जब अपना हम अपना अधिकार केंद्र से मांगते हैं, तो जवाब में भाजपा वाले ईडी, सीबीआई भेजते हैं. कौन नहीं जानता कि आज देश की संवैधानिक संस्थाओं की हालत क्या है. कार्यकर्ता यह नहीं भूले कि दिशुम गूरु शिबू सोरेन ने लड़कर हमें राज्य दिलाया. अब हम राज्यवासियों को 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने जा रहे हैं.
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