Ranchi : रांची में भूमि को विवादित करने का खेल सरकारी कार्यलायों से ही शुरू होता है. इसमें प्रशासनिक अमले की भूमिका काफी अहम रहती है. एक ऐसा ही मामला रांची स्थित हेहल अंचल के खाता संख्या 140 से जुड़ा है. इसके प्लॉट संख्या 1323 ,1324, 1335, 1334, 1338, 1337, 1339 का कुल रकबा 7.16 एकड़ है. इस जमीन की सीओ और डीसीएलआर द्वारा म्यूटेशन आवेदन को पूर्व में ही संदिग्ध डीड के आधार पर खारिज कर दिया गया है. इस मामले में उपायुक्त न्यायालय द्वारा विनोद कुमार सिंह के पक्ष फैसला दिया जाता है. इसके बाद रातोंरात जिला प्रशासन द्वारा चहारदीवारी निर्माण एवं दखल कब्जा दिलाने के पुलिस बल और दंडाधिकारी नियुक्त किया जाता है.
बिना डीड के ही म्यूटेशन का दिया गया ऑर्डर
उपायुक्त रांची के न्यायालय में एलआरडीसी द्वारा विनोद कुमार सिंह के म्यूटेशन को रद्द किये जाने के बाद उनके द्वारा एक अगस्त 2018 को रिव्यू पीटिशन दायर किया जाता है. तीन दर्जन के करीब तारीख दी जाती है, जिसमें अधिकतर तारीखों में उपायुक्त अन्य कार्य में व्यस्त रहते हैं. दो फरवरी 2021 को मामले की सुनवाई कर आदेश पर रखा जाता है. इसमें विनोद कुमार सिंह के पक्ष में म्यूटेशन के आदेश जारी किये जाते हैं. उपरोक्त मामले जिस दस्तावेज के आधार पर म्यूटेशन स्वीकृत किया गया है, वह दस्तावेज निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में मौजूद नहीं है. इसके पूर्व म्यूटेशन आवेदन को सीओ और एलआरडीसी द्वारा भी खारिज कर दिया गया है, जिसका संदिग्ध डीड और भूमि पर आवेदक का पोजीशन नहीं होने को आधार बनाया गया था.
इसे भी पढ़ें- झारखंड राज्य चिकित्सा परिषद का तीन साल के लिए हुआ गठन
साहू परिवार ने 29 जून से पहले भूमि की जोताई कर अपना कब्जा रखा था कायम
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त भूमि में 29 जून से पहले साहू परिवार द्वारा जतायी गयी थी. जहां स्थानीय लोग भी मौजूद थे. उस दौरान भूमि पर किसी प्रकार की चारदीवारी मौजूद नही था. इसके बाद 30 जून को प्रशासन की मौजूदगी में रातोंरात चहारदीवारी खड़ा करने का काम शुरू हुआ. चहारदीवारी निर्माण कार्य के दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा.
इसे भी पढ़ें- BREAKING मोदी मंत्रिमंडलः नारायण राणे,सोनोवाल,सिंधिया,पारस बने कैबिनेट मंत्री, देखें पूरी लिस्ट
25 जून को एक पत्र निर्गत किया
जिला प्रशासन ने 25 जून को एक पत्र निर्गत किया. इसमें चारदीवारी निर्माण के लिए विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया. निर्देश में कहा गया कि श्याम सिंह, पिता राम बहादुर सिंह निवासी हरमू थाना अरगोड़ा से प्राप्त परिवाद पत्र का आधार पर संख्या 140 प्लॉट नंबर 1323, 1324, 1336, 1334, 1335, 1337 और 1330 का कुल 7.16 एकड़ भूमि को श्याम सिंह पिता राम बहादुर सिंह एवं रवि सिंह भाटिया पिता जसवंत सिंह द्वारा विधिवत क्रय कर अपना दखल कब्जा कर लेने का जिक्र किया गया है. इसमें आगे लिखा गया है कि उक्त भूमि में चहारदीवारी निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिसमें भूमि माफिया द्वारा बाधा डाला जा रहा है. चहारदीवारी निर्माण कार्य करने के लिय सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध को स्वीकार करते हुय बड़ी संख्या में फोर्स और दंडाधिकारी नियुक्त किये गये.
आदिवासी भूमि की दखल दिहानी के हजारों मामले रांची में लंबित
राजधानी राज्य में आदिवासी भूमि वापसी और दखल दिखाने के हजारों मामले लंबित हैं, जिसमें ना ही मजिस्ट्रेट और ना ही फोर्स जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन इस मामले में रातों-रात गोपनीय से पत्र निर्गत करते हुए मजिस्ट्रेट और फोर्स बहाल करते हुए दखल कब्जा कराने का कार्य किया जा रहा है. प्राप्त सूचना के अनुसार मामला अब झारखंड उच्च न्यायालय में दायर किया गया है.
क्या कहते हैं रैयत….देखे वीडियो
हमारी खतियानी भूमि को रातोंरात कब्जा कराया गया. इस आधार पर श्याम किशोर सिंह राम राम बहादुर सिंह के पक्ष में फैसला दिया गया है. वह तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए दिया गया है.
महोदय आपका न्यूज़ मैं प्रतिदिन देखता हूं इससे भी बड़ा मामला बोकारो जिला की मौजा बांधगोंडा का है भू माफिया के ऊपर एक आईएस पदाधिकारी उपायुक्त बोकारो ने दो सरकारी एफ आई आर संगीन धाराओं में कराया माफिया की पहुंच इतनी बड़ी है 2 वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद बोकारो प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करती कारण की यह जमीन आर्यभट्ट सहयोग समिति के नाम से निबंधित 5 एकड़ जिसका बाजार मूल्य ₹200000000 है इसमें संदिग्ध जमाबंदी करने वाले पदाधिकारी को प्रोन्नत करके अपर समाहर्ता राजस्व शाखा बोकारो बना दिया गया एवं दूसरा चास नगर निगम का अपर नगर आयुक्त बना दिया गया और यही नहीं अंचल से संबंधित सभी मूल अभिलेख को गायब कर दिया गया इस संबंध में कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई इस भू माफिया के बचाने के लिए 2 आईएएस भी लगे अब पूरा अमला लगा खैर उनका ट्रांसफर हो गया हम लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री से लेकर प्रधान सचिव आयुक्त उपायुक्त सभी को लिखा गया जिला प्रशासन के सौजन्य से हम लोगों के जमीन को अवैध रूप से दखल कराया जा रहा है और यही नहीं वन विभाग की जमीन भी फर्जी कागजात
के सहारे बेची गई यहां तक की जाति और धर्म बदल कर बेचा गया अगर आप अपना व्हाट्सएप दें तो सभी पेपर उपलब्ध करा दिए जाएंगे मेरा व्हाट्सएप नंबर 94 319 151 24 हैसर
ऐसा ही same मामला मेरे साथ भी हुआ है, कृप्या मेरी भी मदद करने की कृपा करें
मैं महेश प्रसाद सिंह
अंचल-जरीडीह, जिला बोकारो झारखंड