Ranchi : झारखंड स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष पद से अभयकांत प्रसाद ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया है. लगातार न्यूज ने बैंक के कामकज और वोर्ड मेम्बर के संदिग्ध क्रियाकलापों पर लगातार खबरें प्रकाशित की थीं, जिसमें बैक का संचालन नियमों को ताक पर रख कर किये जाने का मामला समाने आया था. वहीं झारखंड सरकार और नाबार्ड भी बैंक में हो रही अनियमितताओं नजरअंदाज करने को लेकर भी पड़ताल की गई थी. इसमें झारखंड सरकार के निबंधक (सहयोग समितियां) के समक्ष बैंक के निदेशक मंडल भंग कर प्रशासक की नियुक्ति करने की मांग और बैंक में हो रही अनियमितता भी प्रकाश में लायी गयी थी. बैंक के निदेशक मंडल के पांच सदस्य पूर्व में ही इस्तीफा दे चुके थे . अब अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद निदेशक मंडल पुन: चुनाव करना होगा.
निदेशक मंडल भंग करने की गयी थी सरकार से शिकायत
बैंक में जमा किसानों व अन्य जमाकर्ताओं की खून-पसीने की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गये हैं. बैंक के बायलॉज के अनुसार हर तीन माह में बोर्ड की बैठक होनी चाहिए, लेकिन बैठक 9 माह से बैठक नहीं हुई है. निदेशक मंडल के सदस्यों पर अपने हिसाब से बैंक को चलाने का गंभीर आरोप भी लग चुका है. निदेशक मंडल के कुछ सदस्यों के द्वारा बैक के बायलॉज एवं बोर्ड को दरकिनार कर बैंक का कामकाज चलाया जाने का मामला समाने आया था. बैंक में घोटालो की आशंका के कारण निदेशक मंडल के पांच सदस्य इस्तीफा भी दे चुके हैं.
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बिना बोर्ड के अनुमोदन के दिये जा रहे बड़े लोन
झारखंड स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के पास करीब 2200 करोड़ की पूंजी है. इसमें झारखंड के किसानों तथा अन्य जमाकर्ताओं करीब 1700 करोड़ रुपये जमा हैं. बैंक ने करीब 500 करोड़ रुपये ऋण के रूप में भी दिये हैं. इसमें अकेले एफसीआई को 300 करोड़ रुपये का लोन दिया गया है. बताया जाता है कि यह लोन भी बोर्ड की बैठक में पास कराये बिना ही दिया गया.