Ranchi : को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले की जांच सीआईडी कर रही है. सीआईडी इस मामले में को-ऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक सुशील कुमार के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति का प्रस्ताव भेजेगी. सीआईडी ने पहले भी सुशील कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए अभियोजन स्वीकृति की मांग राज्य सरकार के सहकारिता विभाग से की थी, लेकिन सरकार के स्तर से पहली बार अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के बाद दूसरी बार सीआईडी अभियोजन स्वीकृति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजेगी.
क्रेडिट कमेटी के निर्देश के बगैर दिया गया लोन
सहकारिता बैंक नियमों के अनुसार पांच लाख से अधिक लोन देने के लिए मुख्यालय में क्रेडिट कमेटी का गठन किया गया है. यह किसी भी बड़े लोन को देने से पहले कई चरणों की जांच करती है. साथ ही यह भी बताया जाता है, कि आवेदक इस कर्ज को चुका सकेगा या नहीं. या फिर उसके ऊपर पहले से कोई मामला है या नहीं. लेकिन आरोपित अधिकारियों ने बिना इस कमेटी से अनुमति लेते हुए संजय कुमार डालमिया को लोन दे दिया था. मालूम हो कि पहले से ही तत्कालीन महाप्रबंधक सुशील कुमार कई अनियमिताओं को लेकर आरोपों के घेरे में रहे हैं. जिसके बाद वे फिलहाल सस्पेंड हैं. वहीं, तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रदीप कुमार सावल सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
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संजय कुमार डालमिया पर कुल 36 करोड़ रुपये गबन करने का है आरोप
कारोबारी संजय पर 32.17 करोड़ की राशि झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से गबन का आरोप है. साथ ही आरोपी संजय पर सरायकेला थाना कांड संख्या- 119/2019 में भी प्राथमिकी अभियुक्त होने के साथ-साथ 41.43 करोड़ रुपये की राशि के झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से ही गबन का आरोप है. इस प्रकार कुल मिलाकर दो कांडों में प्राथमिकी अभियुक्त होने के साथ-साथ संजय कुमार डालमिया पर कुल 36.16 करोड़ रुपये की राशि के गबन किए जाने का आरोप है. झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से दो कांडों में 36 करोड़ 16 लाख 4,500 गबन करने के आरोपी 37 वर्षीय कारोबारी संजय कुमार डालमिया को सीआईडी ने बीते साल 12 अक्टूबर 2020 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिला अंतर्गत हीरापुर थाना क्षेत्र रंगपुरा के नर्सिंगबांध, मलिकपाड़ा नियर बालाजी धाम से गिरफ्तार किया था.