Ranchi : कोचिंग सेंटर संचालकों ने टैक्स चोरी की है. टैक्स चोरी का यह आंकड़ा 850 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. इन कोचिंग सेंटर संचालकों ने छात्रों से फीस के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी की वसूली की, लेकिन वसूली गई राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं किया. माल एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने इसकी जांच शुरू कर दी है. अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक देश के 150 से अधिक कोचिंग संस्थानों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने सरकारी टैक्स की चोरी की है. इनमें बड़े से लेकर छोटे कोचिंग सेंटर शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. जांच में यह भी पता चला है कि कोचिंग संस्थानों ने छात्रों की संख्या कम दिखा कर भी टैक्स की चोरी की है.
जानकारी के मुताबिक अभी जिन कोचिंग सेंटर की जांच की जा रही है, उनमें दिल्ली, कोटा, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर से लेकर टियर-टू शहरों में स्थित कोचिंग संस्थान शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों को आशंका है कि रांची के कुछ कोचिंग संस्थानों ने भी इस तरह की टैक्स चोरी की है. इस वजह से रांची की जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई है. अंदेशा है कि जल्द ही कुछ बड़े कोचिंग संस्थानों की जांच शुरू होगी. जिसके बाद ही यह पता चल सकेगा छात्रों से 18 प्रतिशत जीएसटी वसूलने के बाद उसे सरकारी खजाने में जमा नहीं करने वाले संस्थान कौन-कौन से हैं. इस तरह की टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ पेनाल्टी वसूलने के साथ-साथ गिरफ्तारी की कार्रवाई का भी प्रावधान है.
इस बीच शुभम संदेश को यह पता चला है कि रांची के कुछ कोचिंग संस्थानों में टैक्स चोरी के लिए अलग तरीका अपनाया है. संस्थानों के द्वारा टैक्स के रूप में वसूली जाने वाली राशि को फीस में छूट देकर माफ कर दिया गया. इससे सरकारी राजस्व की क्षति हुई है. विभाग के मुताबिक ऐसा करना जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1डी) के तहत अपराध है. उल्लेखनीय है कि जांच पूरी होने तक विभाग ने किसी भी कोचिंग संस्थान के नाम का खुलासा नहीं किया है.