Ranchi : सरकार द्वारा कम राजस्व को लेकर शराब दुकान संचालकों पर सवाल उठाए गए थे. अब उलटे शराब दुकानदारों ने सरकार और उसके अफसरों पर ही हमला बोल दिया है. संचालकों ने इसके लिए राज्य के अफसरों को ही कठघरे में खड़ा किया है. शराब दुकान संचालक सुमित फैसेलिटिज लि., प्राइम वन फोर्स प्रा. लि., ईगल हंटर सॉल्यूशन लि. और ए टु जेड इंफ्रा सर्विसेज लि. ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र में झारखंड राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित खुदरा उत्पाद दुकानों के संचालन को लेकर कई बिंदुओं पर अफसरों को घेरा है. कहा कि पिछले 28 नवंबर को मुख्य सचिव, उत्पाद सचिव, उत्पाद आयुक्त और अन्य विभागीय अफसरों ने समीक्षा बैठक की. कम राजस्व का रोना रोया. इसके लिए कंपनियों को कठघरे में खड़ा किया गया. मगर सच्चाई यह है कि इसके लिए कंपनी या संचालक कहीं से दोषी नहीं है. इसके लिए अफसर ही दोषी हैं.
खड़े किए गए ये सवाल
- मांग के अनुसार ब्रांडेड शराब की आपूर्ति नहीं
- देसी शराब का अभाव
- राज्य के बार में भी मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं
- अवैध शराब व्यापार पर लगाम नहीं
- प्रशासनिक जांच पर भी सवाल
- शराब की आपूर्ति महीने के अंत में होती है
- जिलों के कार्यालय में कर्मियों एवं संसाधनों का अभाव
- चयनित कर्मियों के पास कार्य अनुभव नहीं, होती है परेशानी
- दुकानों का स्थल चयन
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