Sourav Shukla
Ranchi: तीस दिनों तक मैत्री प्रशिक्षण में शामिल सभी प्रतिभागी अब बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एलुमनाई हैं. सभी ग्रामीण स्तर पर दक्ष कृत्रिम गर्भाधान विषयक कार्यकर्त्ता बनेंगे. आपने जो भी सीखी है, इससे स्थानीय क्षेत्रों के गव्य विकास के बढ़ावा देने में भरपूर प्रयास करें और स्थानीय गोपालक से अपने अनुभवों को साझा करे. गांवों में कम खर्च पर आसानी से कृत्रिम गर्भाधान द्वारा पशु नस्ल सुधार को आगे बढ़ाएं. इससे राज्य में गव्य विकास कार्यक्रम को गति, ग्रामीणों को आर्थिक व पोषण सुरक्षा मिलेगी. उक्त बातें बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत आयोजित 30 दिवसीय मैत्री प्रशिक्षण के समापन पर संबोधित करते हुए कही. मौके पर कुलपति ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया.
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ग्रामीण स्तर पर कृत्रिम गर्भाधान कार्यो को दी जा सकती है गति
मौके पर विशिष्ट अतिथि डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने कहा कि प्रशिक्षाणार्थियों पर ग्रामीण स्तर पर दुधारू पशु नस्ल सुधार का दायित्व होगा. प्रशिक्षण में मिले ज्ञान का फील्ड में सही एवं सटीक इस्तेमाल से ही ग्रामीण स्तर पर कृत्रिम गर्भाधान कार्यो को गति दी जा सकती है. इस रोजगारपरक मिशन कार्यक्रम से प्रशिक्षाणार्थियों के साथ-साथ स्थानीय पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.
ग्रामीण युवकों को मिले रोजगार के साधन
जेएसआईए रांची के मुख्य अनुदेशक डॉ केके तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना में पूरे राज्य में पंचायत स्तर पर मल्टी टास्किंग आर्टिफिसीयल इनसेमीनेशन तकनीशियन फॉर रूरल इंडिया (मैत्री) की स्थापना की जानी है. अगले 5 वर्षो में 3407 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण बेरोजगार युवकों को कृत्रिम गर्भाधान में दक्ष किया जाना है. ताकि ग्रामीण युवकों को रोजगार का साधन मिले और पशु धन विकास को बढ़ावा मिले.
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53 प्रतिभागियों ने भाग लिया
समापन समारोह का संचालन समन्यवयक डॉ एके पांडे ने किया. उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान कृत्रिम गर्भाधान विषय में जानकारी दी. कार्यक्रम में रांची, लातेहार, साहेबगंज, गिरिडीह, पलामू, पाकुड़, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका एवं बोकारो के कुल 53 प्रतिभागियों ने भाग लिया. प्रतिभागियों को पुनः सबंधित जिलों में स्थित कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों में दो महीने की ट्रेनिंग मिलेगी. प्रतिभागियों की कार्य दक्षता एवं उपलब्धि पर मानदेय और आमदनी निर्भर होगी. मौके पर डॉ मुकेश कुमार, एचएन दास, मृत्युंजय सिंह मौजूद थे.