Jamshedpur: राज्य सरकार के टीएसी की नई नियमावली जारी करने पर झारखंड पीपुल्स पार्टी (जेपीपी) की प्रतिक्रिया आयी है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह अधिवक्ता दिल बहादुर ने इसपर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा टीएसी परामर्शदात्री परिषद के सदस्यों के मनोनयन नहीं किये जाने और दो बार सरकार द्वारा प्रस्तावित सदस्यों का नाम वापस भेजे जाने का परिणाम है कि सरकार को झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल की नई नियमावली जारी करनी पड़ी है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल और सरकार के बीच टकराव होना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नही है.
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झारखंड के लिए टीएसी परामर्श परिषद का गठन महत्वपूर्ण
बहादुर ने आगे कहा कि सामान्यतः राज्यपाल सरकार द्वारा पारित अधिसूचना और विधेयक/कानून पर अपना हस्ताक्षर करते हैं. विशेष परिस्थिति में यदि सरकार द्वारा पारित विधेयक या अधिसूचना को तभी लौटाते हैं जब उन्हें यह लगता है कि वह विधेयक या अधिसूचना असंवैधानिक है. झारखंड जैसे राज्यों के लिए टीएसी जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन करना और उसे एक सशक्त और प्रभावशाली बनाना बहुत ही महत्वपूर्ण है. ऐसे में राज्यपाल द्वारा बार-बार सरकार द्वारा प्रस्तावित मनोनयन को वापस किया जाना कहीं न कहीं प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है. हाल के दिनों में जहां भी गैर भाजपा शासित राज्य है वहां के राज्यपाल द्वारा सरकार से टकराव की स्थिति उत्पन्न होना न तो भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा है न ही वहां के राज्य के विकास के लिए.