New Delhi : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मध्य प्रदेश में चुनावी सभा से पूर्व राज्य से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर सवाल उठाये. दावा किया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों, विशेषकर आदिवासी बस्तियों में स्वच्छ भारत मिशन विफल साबित हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी आज गुरुवार को मुरैना में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, आज मध्य प्रदेश के मुरैना जा रहे प्रधानमंत्री से हमारे कुछ सवाल हैं. मुरैना में सेना भर्ती को लेकर किये गये भाजपा के बड़े-बड़े वादों का क्या हुआ? नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आज मध्य प्रदेश के मुरैना जा रहे प्रधानमंत्री से हमारे सवाल:
1. मुरैना में सेना भर्ती को लेकर भाजपा के बड़े-बड़े वादों का क्या हुआ?
2. मध्य प्रदेश के गांवों में अभी भी पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव क्यों है?
3. मुरैना के लोग अवैध बिजली प्राप्त करने के लिए…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 25, 2024
मुरैना भारत की बिजली चोरी की राजधानी बन गया है
मध्य प्रदेश के गांवों में अभी भी पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव क्यों है? मुरैना भारत की बिजली चोरी की राजधानी क्यों बन गया है? उन्होंने कहा कि जब तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2018 में मुरैना का दौरा किया था, तो उन्होंने वादा किया था कि एक या दो साल के भीतर वहां एक सैनिक स्कूल स्थापित किया जायेगा, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ है. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के माध्यम से, मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों की पवित्रता और भिंड-मुरैना के हज़ारों महत्वाकांक्षी युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर दिया है.
मध्य प्रदेश के युवाओं के साथ विश्वासघात क्यों
उन्होंने सवाल किया, निर्मला सीतारमण के जोशीले वादों का क्या हुआ? उन लोगों ने मध्य प्रदेश के युवाओं के साथ विश्वासघात क्यों किया है? रमेश ने आरोप लगाया, मोदी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) मध्य प्रदेश के ग्रामीण हिस्सों, विशेष रूप से आदिवासी बस्तियों में नाकाम रहा है. 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 4.5 लाख शौचालय गायब पाये गये और बजट से 540 करोड़ रुपए सरकारी अधिकारियों द्वारा निकाल लिये गये थे. जल और स्वच्छता विभाग का दावा है कि जिन 99.6 प्रतिशत घरों में शौचालय की सुविधा थी, उनके पास पानी की भी सुविधा थी, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त बिलकुल अलग तस्वीर पेश करती है. उन्होंने सवाल किया कि क्या स्वच्छ भारत और हर घर जल के बड़े-बड़े वादे भी सिर्फ जुमले थे?
मुरैना को हर माह 110 करोड़ रुपये की बिजली आपूर्ति की जाती है, लेकिन …
कांग्रेस महासचिव के अनुसार, मुरैना जिले को देश का एकमात्र ऐसा जिला होने का नकारात्मक गौरव प्राप्त है जहां विशेष प्रकार के बिजली के तारों और बिजली के हीटरों पर धारा 144 लागू की गयी है. उनके अनुसार, कलेक्टर कार्यालय को यह कठोर कदम उठाने के लिए इसलिए विवश होना पड़ा क्योंकि लोग इन तारों और हीटर के हिस्सों का उपयोग बिजली चोरी करने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा, मुरैना को हर माह 110 करोड़ रुपये की बिजली आपूर्ति की जाती है, लेकिन बिजली कंपनी को सिर्फ 38 करोड़ रुपए का ही भुगतान होता है. इसमें भी 28 करोड़ रुपया उद्योगों से प्राप्त होता है, यानी मुरैना में 85 फीसदी से अधिक बिजली चोरी हो रही है. रमेश ने सवाल किया, अब लगभग दो दशकों तक सत्ता में रहने के बाद, भाजपा मुरैना के लोगों को वैध बिजली कनेक्शन प्रदान करने में असमर्थ क्यों है.