Deepak Ambastha
पंजाब में मुख्यमंत्री बदल गया, पैंतीस चालीस घंटे की मारामारी में कई नाम आए गए, अंततः एक ऐसा नाम आया चरणजीत सिंह चन्नी जिसका दूर-दूर तक कहीं कोई नाम नहीं था, मुख्यमंत्री बन गया. मुख्यमंत्री की पत्नी ने कहा राहुल गांधी की कृपा,उनका आभार. देखा जाय तो यहीं से पंजाब में सत्ता में बने रहने के लिए कांग्रेस के हाथ मेंढ़क तोलने का काम भी लग गया है.एक को मनाओ तो दूसरा नाराज़.
मुख्यमंत्री बनने की लाइन में जितने लोग खड़े थे, उनमें से हर कोई नाराज़ किसी ने नाराजगी जाहिर कर दी है तो कुछ ऐन वक्त पर करेंगे. मुख्यमंत्री बनने की लाइन में जो खड़े थे उनमें से कुछ का पत्ता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तो कुछ का नवजोत सिंह सिद्धू ने काटा तो कोई राहुल गांधी को पसंद नहीं था और जिसे लोग चाह रहे थे उन्हें पंजाब मुख्यमंत्री की कांटों भरी कुर्सी पसंद नहीं थी, चन्नी मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन जो खेल कैप्टन अमरिंदर सिंह के समय चल रहा था वह रुका नहीं है बस उसी मैदान पर गोल पोस्ट दूसरा बन गया है खिलाड़ी लग गए हैं गोल करने की मंशा से.
चरणजीत सिंह चन्नी के शपथग्रहण में राहुल गांधी को शामिल होना था. लेकिन वह पहुंचे तब जब बारात लौट रही थी, अर्थात शपथग्रहण समारोह के बाद हालांकि उनका बीस मिनट तक इंतजार भी किया गया. शपथ में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी नहीं आए, हालांकि इसका अनुमान पहले ही किया गया था, जब पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि शपथग्रहण समारोह में कैप्टन आएं या न आएं यह उनकी मर्जी, रावत का बयान और कैप्टन का नहीं आना स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस में रहते हुए भी कैप्टन अमरिंदर की राह जुदा हो चुकी है. कैप्टन की गैरमौजूदगी बता रही है कि पंजाब में कांग्रेस को अब क़दम-क़दम पर मुसीबत का सामना है.
आज राहुल गांधी कैप्टन से नाराज़ और सिद्धू से खुश हैं लेकिन मौसम के मिजाज का क्या आज धूप तो कल बारिश,उधर यह भी दिख रहा है कि रार सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ही नहीं थी. कैप्टन अमरिंदर से सहानुभूति रखने वाला हर व्यक्ति दुश्मन समझा जा रहा है यही वज़ह है कि जब नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी को यह समझाया कि डिप्टी सीएम के लिए नामित ब्रह्म मोहिंदर कैप्टन अमरिंदर के खेमे से हैं तो आनन फानन में उनका नाम काट कर कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिला दी गई. यह जो घटनाक्रम है, बताने के लिए पर्याप्त है कि कांग्रेस आलाकमान आंख की जगह कान का इस्तेमाल कर रहा है ऐसे निर्णयों के पीछे राहुल गांधी हैं यही कारण है कि इस्तीफा से पहले जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को फोन मिलाया था और कुछ कहना चाहा था तो सोनिया गांधी ने कहा था कि सॉरी अमरिंदर मेरे हाथ में कुछ नहीं है.सोनिया गांधी के कहने का एक ही अर्थ है कि अब जो करेंगे राहुल गांधी करेंगे, और पंजाब में अभी राहुल गांधी सिद्धू की जेब में नजर आते हैं.पंजाब बताता है कि कांग्रेस को अभी बड़े झंझावातों का सामना करना है जो उसने खुद अपने फैसलों से उठाए हैं.
पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के तीन बड़े दावेदार थे,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बड़े विरोधी सुखजिंदर सिंह रंधावा.रंधावा और जाखड़ नाराज हैं नये मुख्यमंत्री यदि सिद्धू की रिमोट से नहीं चले तो सिद्धू मिनटों में भड़क उठेंगे, कांग्रेस ने एक दलित को मुख्यमंत्री पद सौंप कर चुनाव की बैतरणी पार करने की योजना बनाई है क्योंकि राज्य में दलित वोटों की संख्या 32 प्रतिशत है और उसे वह अपने पाले में करना चाहती है, लेकिन अंदर खाने फांक फांक कांग्रेस के लिए क्या यह इतना आसान होगा जितना वह सोच रही है?