NewDelhi : राज्यसभा का चेयरमैन अंपायर होता है, सत्तापक्ष का चीयरलीडर नहीं. यह कहते हुए कांग्रेस ने राहुल गांधी की आलोचना करने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को सलाह दी है. जान लें कि उपराष्ट्रपति ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर ब्रिटेन में उनके भाषण को लेकर निशाना साधा था. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कम्युनिकेशन प्रभारी जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बयान को निराशाजनक करार देते हुए बयान जारी किया है.
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संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए
कहा है कि किसी भी संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के प्रति झुकाव, किसी दल के प्रति पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए. कहा कि राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा का त्याग किये जाने की जरूरत होती है.
जयराम रमेश राहुल गांधी के भाषणों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने विदेश में ऐसा कुछ भी नहीं कहा है, जो यहां कई बार न कहा हो. रमेश के अनुसार राहुल गांधी का बया्न तथ्यों पर आधारित है, यह जमीनी सच्चाई बताता है.
कल उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति ने जो कुछ कहा है, उसके जवाब में मेरा वक्तव्य। pic.twitter.com/qOx0sw93jw
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 10, 2023
12 से अधिक विपक्षी सांसदों को विशेषाधिकार हनन के नोटिस जारी हुए
जयराम रमेश ने कहा कि पिछले दो सप्ताह में संसद में अपनी आवाज दबाने का विरोध करने के लिए 12 से अधिक विपक्षी सांसदों को विशेषाधिकार हनन के नोटिस जारी किये गये हैं. उन्होंने राहुल गांधी पर उपराष्ट्रपति के बयान को आश्चर्यजनक बताया और कहा कि वे एक ऐसी सरकार के बचाव में आ गये जिससे उन्हें संवैधानिक तौर पर दूर रहना चाहिए था. जयराम रमेश ने जगदीप धनखड़ के बयान को निराशाजनक और भ्रमित करने वाला कहा.
आठ सालों में छापेमारी कर विपक्ष को डराया गया है
श्री रमेश ने कहा कि पिछले आठ सालों में छापेमारी कर इस हद तक विपक्ष को डराया गया है कि केवल सरकार की ही आवाज सुनाई दे, याद करें कि जगदीप धनखड़ ने एक कार्यक्रम में राहुल गांधी के विपक्षी सांसदों का माइक सदन में बंद किये जाने के आरोप पर नाराजगी जताई थी. राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा था कि उनकी ऐसा कहने की हिम्मत कैसे हुई?
राज्यसभा के सभापति ने यह भी कहा था कि इस मुद्दे पर चुप रहा तो संविधान का गलत पक्ष बनूंगा. कहा था कि जब देश जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, कुछ लोग देश को बदनाम करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं. देश के अंदर या बाहर इस तरह की बातें जो भी कह रहा है, वह देश का अपमान है.