New Delhi : कांग्रेस में अंतर्कलह एक बार फिर सामने आने लगा है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के दो घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्हें कांग्रेस आलाकमान का एक और फैसला पसंद नहीं आया है. बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली में लंबे विचार-विमर्श के बाद गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया और कई समितियों का गठन भी किया. पढ़ें – महाराष्ट्र : पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी में टक्कर, तीन बोगियां हुईं बेपटरी, 50 से ज्यादा यात्री घायल
गुलाम नबी आजाद कमेटियों के गठन से खुश नहीं थे
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुलाम नबी आजाद कमेटियों के गठन से खुश नहीं थे. उनका कहना है कि समितियों का गठन करते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया था. बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने पहले ही कह दिया था कि वह जम्मू-कश्मीर की कोई जिम्मेदारी नहीं लेंगे. बल्कि पार्टी के लिए काम करते रहेंगे. साथ ही विकार रसूल को जम्मू कश्मीर का अध्यक्ष बनाये जाने से पार्टी में मतभेद उत्पन्न हो गया है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने भी समितियों से इस्तीफा दे दिया है.
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विकार को मुख्य पद सौंपने में राहुल गांधी ने अहम भूमिका निभाई
बताया जा रहा है कि विकार रसूल के प्रदेश प्रमुख बनाने से जीएम सरूरी समेत कई नेताओं ने विरोध जाहीर की थी. जिसके बाद आलाकमान ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से बातचीत भी की थी. गुलाम नबी आजाद ने पार्टी आलाकमान को चार नाम सौंपे थे, जिसमें विकार रसूल, जीएम सरूरी, गुलाम नबी मोंगा और पीरजादा मोहम्मद सईद शामिल थे. इसके बाद विकार रसूल के नाम पर जोर दिया गया. विकार को मुख्य पद सौंपने में राहुल गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी.
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