Ranchi : ग्रामीण विकास विभाग में पिछले दिनों कनीय अभियंता सहित लेखा लिपिक-सह-कंप्यूटर ऑपरेटर परीक्षा आयोजित की गयी थी. यह परीक्षा 15वें वित्त आयोग के मद से योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर हुई थी. जिला स्तरीय पैनल पर आयोजित इस परीक्षा में टाइपिंग क्षमता की जो स्पीड मांगी थी, उससे कई जिलों में छात्रों का चयन नहीं हो सका था. ऐसे में सैकड़ों अभ्यर्थियों और कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने विभागीय मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात कर परीक्षा पुनः आयोजित करने की मांग की थी, जिस पर अनुमति मिल गयी है.
टाइपिंग क्षमता ज्यादा होने से बहुमत से छंट गये थे अभ्यर्थी: कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा है कि विज्ञापन में वर्णित न्यूनतम टाइपिंग क्षमता (हिन्दी में 25 शब्द प्रति मिनट एवं अंग्रेजी में 30 शब्द प्रति मिनट) के कारण बहुमत में अभ्यर्थी छंट गए थे. जब मेधा सूची जारी हुई तो पाया गया कि बहुत सारे जिलों में कई पदों के विरुद्ध इक्का-दुक्का ही चयन हो पाया. गोड्डा जिले में लेखा लिपिक-सह-कंप्यूटर ऑपरेटर के 40 प्रस्तावित पद के विरुद्ध मात्र दो अभ्यर्थी परीक्षा में उत्तीर्ण हो पाये.
विभागीय मंत्री के समक्ष उठी थी मांग, पुनः परीक्षा कराने का आदेश पारित
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में गोड्डा सहित अन्य जिलों के अभ्यर्थियों ने टाइपिंग दक्षता में छूट देने की मांग की थी. अभ्यर्थियों के कई प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात कर इस विषय को सरकार के समक्ष उठाने का आग्रह किया था. उन्होंने विभागीय मंत्री आलमगीर आलम से इस संदर्भ में मुलाकात कर अभ्यर्थियों की मांग को उठाया था. आज विभाग की ओर सूचित किया गया है कि मंत्री ने पुनः परीक्षा का आदेश पारित कर दिया है. लगातार न्यूज से बातचीत में दीपिका पांडेय ने भी पुनः परीक्षा आयोजित होने की बात को स्वीकारी है.
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पुनः परीक्षा आयोजित करने से अभ्यर्थियों को मिलेगा रोजगार का अवसर
कांग्रेस विधायक ने कहा कि टाइपिंग क्षमता में कुछ छूट के साथ पुनः परीक्षा आयोजित करने से अभ्यर्थियों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा और वह नयी चुनौतियों के साथ अपनी क्षमता में भी बढ़ोत्तरी कर सकेंगे.